Shani Jayanti 2025: इस बार शनि जयंती 27 मई 2025 को मनाई जाएगी. यह जयंती सूर्यपुत्र भगवान शनिदेव के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. हिंदू धर्म में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. शनि जयंती पर शनिदेव की विशेष पूजा करने से उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता, समृद्धि तथा सुख-शांति का आगमन होता है. नीचे एक सरल और प्रभावशाली शनि जयंती पूजा विधि दी गई है.

शनि जयंती विशेष पूजा विधि
1. प्रातःकाल की तैयारी
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. काले या नीले वस्त्र पहनें (शुद्ध एवं साफ हों). व्रत का संकल्प लें – “मैं शनिदेव की कृपा प्राप्त करने हेतु शनि जयंती व्रत व पूजा करता/करती हूँ.”
2. पूजा स्थल की तैयारी
पूजा स्थान को स्वच्छ करें. लकड़ी के पाटे पर काला या नीला कपड़ा बिछाकर शनिदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. दीपक (सरसों के तेल का) जलाएं. अगरबत्ती और धूप लगाएं.
3. पूजन सामग्री
सरसों का तेल, नीले/काले फूल (जैसे अपराजिता, काले कमल, शमी के फूल) काले तिल,उड़द की दाल, काले वस्त्र, लोहे की वस्तु (शनि का प्रिय धातु), नारियल, जल, पंचामृत, फूल, अक्षत, कुमकुम, चंदन, कपूर.
4. पूजा विधि
शुद्ध जल से आचमन और संकल्प करें. “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें. शनिदेव को तिल, फूल, उड़द, सरसों का तेल, काले वस्त्र और लोहे की वस्तु अर्पित करें. दीपक में सरसों का तेल डालकर शनिदेव के सामने रखें और 7 बार घुमाएं. शनि चालीसा या शनि स्तोत्र (दशरथकृत शनि स्तोत्र) का पाठ करें. अंत में शनिदेव की आरती करें – “जय जय श्री शनि देव भगवन…
5. दान एवं उपाय
किसी जरूरतमंद को काले वस्त्र, तिल, लोहा, तेल, उड़द दाल, छाता या जूते दान करें. काले कुत्ते, काले कौवे या गाय को रोटी खिलाएं. पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें (सूर्यास्त के बाद नहीं).
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