हर सुबह अपने साथ एक नई ऊर्जा लेकर आती है। सुबह उठने का पहला घंटा आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी देता है। इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। कई लोग सुबह उठते ही सबसे पहले मोबाइल के दर्शन करते हैं यानी कि सबसे पहले मोबाइल में update चेक करने लगते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो ये खुद ही कई बीमारियों को न्यौता दे रहा है।विशेषज्ञों की मानें तो दिन की शुरुआत के पहले घंटों में मोबाइल फोन को नहीं चलाना चाहिए। हालांकि, आपने कभी जाननें की कोशिश की है कि ऐसा क्यों है? सुबह उठते ही मोबाइल का use क्यों नहीं करना चाहिए? आइए आपको इन सवालों का जवाब देते हुए सुबह फोन ना इस्तेमाल करने का कारण बताते हैं।

तनाव बढ़ना

सुबह कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है। कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है। इसलिए सुबह उठने के बाद आप फ्रेश फील करते हैं। लेकिन, अगर आप सुबह उठते ही मोबाइल देखते हैं तो इसके साथ बेवजह का तनाव भी आ जाता है। यह शरीर और मस्तिष्क की सामान्य प्रक्रियाओं में बाधा डालता है।

गर्दन और सिर में दर्द

सिरदर्द और गर्दन के दर्द पर किए गए अध्ययनों में इन मामलों के बार-बार होने का सबसे आम कारण गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग है। युवा गैजेट्स का खूब इस्तेमाल करते हैं और लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम करते हैं। 20 से 40 साल की उम्र के पेशेवर लोगों में रीढ़ से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं।

बढ़ सकती है ब्लड प्रेशर की शिकायत

सुबह उठकर जब हम किसी चीज़ के बारे में सोचने लगते हैं। बार-बार उसी विषय के बारे में सोचने से हमें तनाव और ऐंग्जाइटी होनी शुरू हो जाती है। दरअसल सुबह के समय कई लोगों का ब्लड प्रेशर सामान्य रूप से बढ़ा हुआ होता है। ऐसे में सुबह-सुबह सोशल मीडिया में फ़ैली उलूल-झुलूल बातें पढ़कर या देखकर ज़्यादा तनाव लेने से ब्लड प्रेशर लेवल और भी ज़्यादा बढ़ सकता है। इस वजह से आपको कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

स्पाइनल कॉर्ड की समस्या

लंबे समय तक गैजेट्स का इस्तेमाल करने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। इससे आपके लिगामेंट में मोच आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं और डिस्क की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है, लेकिन उन्हें रीढ़ की हड्डी की समस्या रही है। इनमें सबसे आप समस्या रिपेटिटिव स्ट्रेस इंजरी की देखी जा रही है।

चिड़चिड़ेपन की आदत बनना

सोशल मीडिया का आजकल निजी जीवन में इतना ज्यादा हस्तक्षेप हो गया है कि आप यदि सुबह-सुबह मोबाइल फ़ोन चेक करते हैं तो न चाहते हुए भी चिड़चिड़ापन आ जाता है। सुबह-सुबह के रूटीन की शुरुआत मोबाइल से होने पर स्वभाव में बदलाव आ सकता है। इसका कारण यही है कि सुबह उठकर मोबाइल में अलग कोई ऐसी बात देख ली जो नकारात्मक है तो इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है। बात-बात पर गुस्सा आना भी इसकी वजह से हो सकता है।

इन उपायों को अपनाएं

1-आप जहां सोते हैं वहां पर मोबाइल को ना रखें हो सके तो अपने बेडरूम से बाहर ही रखें।
2-नाश्ता या लंच करते समय अपने साथ मोबाइल ना रखें और ना ही किसी अन्य गैजेट का इस्तेमाल करें।
3-रात में सोने से पहले अपने फोन का इंटरनेट बंद करके ही सोएं।और सुबह सबसे पहले इंटरनेट खोलने से बचें।
4-सुबह उठने के बाद कम से कम एक घंटे तक फोन ना चलाएं।