रायपुर. लोगों को कई प्रकार से फोबिया होता है. कुछ को भीड़ से डर लगता है तो कुछ अकेले में रहने से डरते हैं. कुछ को एक्सीडेंट से डर लगता है तो कुछ लोगो को पानी, आग से डर लगता है. सांप के नाम से ही कई लोग थर्राने लगते हैं. कई लोगों के लिए अंधेरा या पानी या उॅचाई एक प्रकार से फोबिया (भय) से कम नहीं है. किन्तु कई बार ये भय हकीकत में ना होकर स्वप्न में देखे जाते हैं और लोग इससे भयभीत रहते हैं. लोगों को स्वप्न में सर्प या कटी लाश दिखाई देती है तो कुछ लोग भीड़ में घिरे दिखाई देते हैं. इससे नींद में बाधा आती है और लगातार ये स्वप्न दिखाई देने लके कारण कई बार लोग मानसिक तौर पर परेशान भी हो जाते हैं.

ऐसे कई स्वप्न भय लोगों को होता है इन्हीं सब सवालों के जवाब हम पायेंगे ज्योतिषीय विष्लेषण से किसी भी जातक की कुंडली में अगर लग्न, तीसरे, एकादश या द्वादश स्थान में राहु हों अथवा चन्द्र, गुरू, सूर्य, शनि, मंगल या बुध जैसे ग्रह राहु से आक्रांत हों तो ऐसे जातक का मनोबल कम होता है. ऐसे लोग डिप्रेशन के भी मरीज हो सकते हैं. यदि तीसरे स्थान में राहू हो या चन्द्र राहु या तीसरे स्थान के स्वामी के साथ राहु की युति हो तो ये स्थिति दिखाई देती है. किंतु किन्ही पर स्थान पर राहु अगर प्रमुख ग्रहो के साथ युत हो जाए और उस ग्रह की दशा अथवा अंतरदशा चले अथवा इन ग्रह योगो में किसी बच्चे का जन्म हो गया तो इस प्रकार के योग जीवन में कष्ट का कारण बनते हैं. इस समय हम बात करेंगे मंगल के साथ युत राहु के बारे में मेष राशि में स्वग्रही मंगल के साथ राहु है और मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वाले के लिए कष्ट का कारण बन रहा है तो इन राशि वाले जातको साथ ही इस समय जन्म ले रहे बच्चे के स्वास्थ्य, सुख के लिए मंगल राहु की शांति करानी चाहिए। मंगल राहु के अंगारक पूजा कराना, गेंहू एवं गुड का दान करना तथा मंत्र जाप करना चाहिए.

किंतु आज विशेष तौर पर शिव शयनोत्सव के दिन शिव की पूजा करने एवं व्रत करने से कष्ट दूर किया जा सकता है. अतः अगर ऐसी स्थिति आपको अपने या अपने परिवार में किसी की दिखाई पड़े तो उसके राहु की स्थिति का पता लगाया जाकर राहु की शांति और निरंतर उन स्थिति से रूबरू रहकर इस डर को दूर किया जा सकता है. आज शिव शयनोत्सव है, इसके बाद शिव जी शयन करते हैं और माना जाता है कि श्रावण मास में धरती पर भ्रमण के लिए दूसरे दिन निकलते हैं. अतः के दिन रुद्राभिषेक कराना चाहिए. दूध का दान करें और ॐ नमरू शिवाय का जाप करें. इससे राहु दोष से जरूर मुक्ति मिलेगी.