आप में से बहुत से लोगों को मोरपंख बहुत पसंद होगा। इसलिए ज्यादातर लोग मोरपंख न सिर्फ घर में रखते हैं, बल्कि अपने पास भी रखते होंगे। वहीं, कुछ लोगों को किताब में भी मोरपंख रखने का शौक होता है।

अगर आप भी किताब में मोरपंख रखते हैं तो आपको बता दें कि मोरपंख बुक में रखना कोई आम बात नहीं है बल्कि इसे किताब में रखने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किताब में मोरपंख रखने से क्या फायदे हैं।


किताब में मोरपंख रखना चाहिए या नहीं ? 


अगर आप किताब में मोरपंख रखते हैं तो उसे रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि मोरपंख मुड़ना नहीं चाहिए। मोरपंख साबुत उसकी पूरी डंडी के साथ रखना चाहिए और मोरपंख का रंग खिला हुआ होना चाहिए। खंडित मोरपंख रखना अशुभ माना जाता है।इसके अलावा, इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत है कि मोरपंख जिस किताब में रखते हैं उस किताब को साफ हाथों से ही पकड़ें। अगर किसी वजह से मोरपंख किताब में से गिर गया है तो पहले उसे शुद्ध जल में धोएं फिर ही किताब में रखें।


किताब में मोरपंख क्यों रखना चाहिए ?


किताब में मोरपंख रखने से विद्या का ज्ञान बढ़ता है। अज्ञान का अंधकार दूर होता है। मोरपंख श्री कृष्ण का अति प्रिय माना जाता है। ऐसे में मोरपंख किताब में रखने से श्री कृष्ण का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है और उनकी कृपा से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
किताब में मोरपंख रखने से विद्या में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। जो नकारात्मक ऊर्जा आपको पढ़ाई में आगे बढ़ने से रोकती है वह नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। इसलिए किताब में मोरपंख रखने की प्रथा गुरु आश्रमों से चली आ रही है और आज भी कायम है।