Parenting Tips: हम सभी अक्सर बच्चों को चॉकलेट और खिलौनों का लालच देते हैं. जल्दी से होमवर्क पूरा करो तभी खिलौना मिलेगा, खाना खत्म करो तो चॉकलेट मिलेगी, अगर मेरी बात मानोगे तो तुम्हें चॉकलेट मिलेगी. कभी-कभी यह ठीक है लेकिन जब यह रोजमर्रा की आदत बन जाए तो ऐसा करना सही नहीं है. आप सभी ने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘बच्चे मन के सच्चे होते हैं’ इसलिए आप उन्हें जैसा ढालोगे, वे वैसे ही ढलेंगे. क्या आप भी बच्चों को चॉकलेट और टॉफी का लालच देकर उनसे जल्दी-जल्दी काम करवाते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि बच्चों को लालच देकर काम कराना कितना हानिकारक हो सकता है.

मनोबल घटता है

जिन बच्चों को बचपन में हर चीज का लालच देकर उनसे काम करवाया जाता है, तो जब वे बड़े हो जाते हैं और उन्हें अपने काम के बदले में कुछ नहीं मिलता तो वे दुखी हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि उनके साथ बहुत कुछ गलत हो रहा है. इससे उनका मनोबल घटता है. ऐसी परवरिश उनके व्यक्तित्व के लिए हानिकारक हो सकती है.

लालच की बुरी लत

काम करवाने के लिए टॉफी और चॉकलेट देने से बच्चे इसके आदी हो सकते हैं फिर वे हर काम करने से पहले कुछ न कुछ पाने की उम्मीद करते हैं. जब उन्हें काम के बदले में कुछ नहीं मिलता तो वे जिद करने लगते हैं फिर उनके माता-पिता उन्हें कुछ देने के लिए मजबूर हो जाते हैं. इस तरह यह एक लत बन जाती है.

गलत काम करने का बहाना

हम बच्चों को अक्सर ऐसी बातें कहते हैं कि अगर वे कुछ गलत काम नहीं करेंगे तो उन्हें टॉफी मिलेगी. एक समय के बाद वो आपको आसानी से आपकी ही बातों में फंसा सकते हैं और कह सकते हैं कि मुझे कुछ नहीं मिला, इसलिए मैंने गलत काम किया.

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