भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत में बिकने वाले प्रोडक्ट की गुणवत्ता को लेकर हमेशा सक्रिय रहता है. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के कथित उल्लंघन के लिए तीन प्रमुख ई-कॉमर्स खिलाड़ियों, अमेज़न, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को भी नोटिस जारी कर चुका है.
दरअसल, हम सभी जानते हैं कि सोना खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उस पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) मार्क देखना जरूरी होता है. हालांकि, BIS मार्क के दायरे में आने वाले सामानों की संख्या सैकड़ों में है. इन सामानों में केबल्स, सेफ्टी ग्लास, ऑटोमोटिव रिम्स, स्टील, कैमरे, पावर सप्लाईज, एलईडी लाइट्स, डिस्प्लेज या मॉनिटर्स आते हैं.
क्या है BIS सर्टिफिकेशन?
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) भारतीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत भारत में राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय है. 1 अप्रैल, 1987 को, इसने प्रभावी रूप से भारतीय मानक संस्थान (ISI) संगठन का स्थान लिया.
380 प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें अनिवार्य BIS प्रमाणीकरण की आवश्यकता है. यहां अनिवार्य प्रमाणन के तहत उत्पादों की सूची दी गई है. कोई भी निर्माता उत्पादों के लिए स्वैच्छिक BIS प्रमाणन भी प्राप्त कर सकता है क्योंकि यह ग्राहकों को उत्पादों की उच्च गुणवत्ता और मानकों को इंगित करता है.
1 जनवरी, 2021 से अनिवार्य हुआ खिलौनों के लिए BIS मार्क
1 जनवरी, 2021 से अनिवार्य हुआ खिलौनों के लिए BIS मार्क 2020 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 जारी किया था, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू हुआ. खिलौने (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 के अनुसार, भारत में सभी खिलौना निर्माताओं को BIS लाइसेंस लेना आवश्यक है. इसके साथ ही उसने कंज्यूमर्स से बिना BIS वाले खिलानौं की सूचना BIS Care App पर दर्ज कराने के लिए कहा. ऐसे चेक करें बीआईएस मार्क भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस केयर ऐप नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है, जिससे प्रोडक्ट्स की जांच तुरंत हो सकती है. इस ऐप की मदद से आप BIS मार्क और ISI मार्क को भी चेक कर सकते हैं.
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