सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राजधानी के 4 व्यस्ततम स्थलों पर जिला प्रशासन ने बीते डेढ़ महीने से धारा 144 लगाकर रखा हुआ है, लेकिन इस बात की जानकारी क्षेत्र के लोगों को ही नहीं है. प्रशासन की इस गुपचुप कवायद का खुलासा तब हुआ, जब क्षेत्र के व्यापारी अपनी मांगों को लेकर रैली के लिए इजाजत मांगने प्रशासन के पास पहुंचे. प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश का हवाला दिए जाने के बाद अब तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, जिला प्रशासन ने 6 अप्रैल को जारी अपने आदेश में राजधानी में आमापारा से शास्त्री चौक, शारदा चौक से गुरुनानक चौक, जयस्तंभ से कोतवाली चौक, कोतवाली से सत्ती बाजार व आजाद चौक में रैली, जुलूस, धरना व शोभा यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुकी है. इसके पीछे यातायात बाधित होने की समस्या बताई गई है. यही नहीं इन जगहों पर रैली, जुलूस से बाधित होने वाली यातायात व्यवस्था की वजह से परेशान क्षेत्र के व्यापारियों ने स्वयं जिला प्रशासन से गुहार लगाई थी. जिसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को आदेश जारी किया गया.
जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में इन जगहों पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक इन स्थानों पर रैली, जुलूस जैसे कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे. अगर इन क्षेत्रों पर रैलियां निकाली जाती है तो आयोजनकर्ताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश की पुष्टि करते हुए एडीएम एनआर साहू ने बताया कि इस संबंध में 6 अप्रैल को आदेश जारी किया जा चुका है.
अब सवाल उठता है कि जब प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. यहां तक इस कदम की मांग कर रहे व्यापारियों से भी जानकारी क्यों नहीं साझा की गई. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने स्वयं अधिकारियों से इन व्यस्ततम इलाकों में धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन इस संबंध में आदेश की जानकारी उन्हें नहीं दी गई. अब जब वे रैली के लिए इजाजत मांगने प्रशासन के पास गए, तो उन्हें आदेश का हवाला दिया जा रहा है. आखिर आदेश जारी करने के बाद भी उसे सार्वजनिक न कर प्रशासन क्या संदेश देना चाह रहा है.
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