Value of Golden Hour: जिस स्पीड से वाहनों कि संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. उसी तरह साल दर साल दुर्घटना के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. हालांकि सरकारें इसको लेकर चिंतित हैं और इसे कम करने के प्रयास भी कर रहीं है. लेकिन उससे भी जरूरी होता है, एक्सीडेंट के समय तुरंत घायल हुए व्यक्ति को गोल्डन ऑवर में मदद मिलने पर किसी भी बड़े नुकसान को होने से रोका जा सकता है. इसीलिए हम आपको गोल्डन ऑवर का मतलब बताने जा रहे हैं, कैसे इसमें घायल व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है.
क्या है गोल्डन ऑवर?
गोल्डन ऑवर शब्द का उपयोग रोड एक्सीडेंट के दौरान घायल व्यक्ति को उचित समय पर इलाज मिलने की समय सीमा के लिए किया जाता है. इसकी अवधारण फ्रांस की सेना ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किया था. उस वक्त डॉक्टरों का मानना था कि गोल्डन ऑवर जीवन और मृत्यु के बीच का वह महत्वपूर्ण समय जिसमें उचित इलाज मिले तो घायल व्यक्ति की जिंदगी बचाई जा सकती है. रोड एक्सीडेंट के दौरान यह समय एक घंटे का है.
क्यों होती है जरूरत ?
दुर्घटना में घायल होने के बाद कई बार घायल के शरीर से काफी ज्यादा खून बह जाता है. जान बचाने के लिए खून को रोकना काफी जरूरी हो जाता है. वहीं कुछ मामलों में हादसे के बाद कुछ लोगों को शॉक लग जाता है. ऐसी स्थिति में हॉर्ट अटैक आने का खतरा ज्यादा हो जाता है. हॉर्ट अटैक के दौरान रक्तसंचार अवरुद्ध होने से भी हृदय की गति प्रभावित होकर बिगड़ जाती है. इस स्थिति में अगले कुछ मिनट का समय बेहद कीमती होता है.
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