रायपुर। रुद्र अभिषेक पूजा कई प्रकार से की जाती है। सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है, सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता भगवान शिव हैं। रुद्र अभिषेक के लिए भी भगवान शिव की आराधना की जाती है। रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी रुद्र रूप मे भगवान शिव हमारे सभी प्रकार के दु;खो को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। रुद्र अभिषेक करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
रुद्र अभिषेक मुख्यतया 6 प्रकार से किया जाता है
शिव पुराण के अनुसार अलग-अलग द्रव्य पदार्थों से रुद्राभिषेक करने पर विशेष फल मिलता है।
जल अभिषेक – कुमकुम से तिलक करें। ऊं इंद्राय नमः का जाप करते हुए स्थान पर मौली बांधे। जल अभिषेक करने से दुखो और समस्याओ से मुक्ति मिल जाती है।
हाय अभिषेक – प्लास्टिक के पाइथन में मिश्रित गंगा जल की पेशकश के बाद कुमकुम से तिलक करे। इस प्रकार से अभिषेक करने पर पारिवारिक जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। ऊँ चन्द्रमसे नमः का जाप करते हुए पोश्चर पर मौली बांधे।
दही अभिषेक – कुमकुम से तिलक करें। दही अभिषेक करने से संत सुख की प्राप्ति होती है।
कुमकुम से तिलक करें – प्लास्टिक के प्लास्टिक मे दूध के मिश्रण से तिलक करें। ऊं श्री कामधेनवे नमः का जाप करते हुए स्थान पर मौली बांधे। दुग्ध निवेश करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
कुमकुम से अभिषेक – प्लास्टिक के बर्तन में घी के साथ कुमकुम से तिलक करें। ऊं धन्वंतराय नमः का जाप करते हुए स्थान पर मौली बांधे। घी अभिषेक करने से किसी भी प्रकार के रोग और शारीरिक हार्डइयो से मुक्ति मिलती है।
पंचामृत अभिषेक – कुमकुम से तिलक करें। दूध, दही, घी, शहद और मिश्री को मिलाकर ही पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत अभिषेक करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि मिलती है।
रुद्राभिषेक पूजा से अगला लाभ होता है
रुद्राभिषेक पूजा से कालसर्प दोष , व्यापार में लगातार गिरावट, ग्रहक्लेश और शिक्षा में रुकावट जैसी सभी समस्याएं दूर-दूर तक मिलती हैं।
कई प्रकार के ग्रह दोष मिलते हैं।
रुद्र अभिषेक पूजा से नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
रुद्र अभिषेक करके व्यक्ति निरोगी और स्वस्थ हो जाता है।
रुद्राभिषेक पूजा से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
रुद्र अभिषेक पूजा कहाँ से जानी चाहिए?
वैसे तो रुद्राभिषेक पूजा किसी भी शिव मंदिर में की जा सकती है। लेकिन प्रसिद्ध मंदिरो मे पूजा करने का विशेष महत्व है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग , गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, नासिक में स्थित भीमाशंकर और त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, इंदौर के पास स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडू में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजा करने से जल्द ही फल की प्राप्ति होती है।