पवन दुर्गम, बीजापुर। पिछले 13 नवंबर को बीजापुर के आवापल्ली में पत्रकारों की हत्या की धमकी वाले पर्चे फेंके गए थे. लेकिन अब इसे लेकर नक्सलियों ने अपना स्पष्टीकरण दिया है. माओवादियों की दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी ने साफ किया है कि पत्रकारों के लिए फेंके गए धमकी भरे पर्चों से उनका या उनके संगठन या फिर किसी भी ईकाई का कोई लेना-देना नहीं है.

बता दें कि पत्रकारों को हत्या की धमकी देने वाले पर्चे फेंके गए थे. कहा गया था कि ये पर्चे नक्सलियों ने फेंके है. जिसके बाद इसके विरोध में राजधानी समेत कई जिलों में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया था. पत्रकारों ने बीजापुर में 3 दिवसीय बाइक रैली भी निकाली गई थी.

अब माओवादियों ने कहा है कि ये पर्चे और बैनर ना उन्होंने जारी किए हैं और ना ही उनकी पार्टी की ओर से पत्रकारों को डराने-धमकाने की रानजीति या कोई नीति है. माओवादियों ने इसे सरकार, पुलिस और अग्नि जैसे संगठन द्वारा उनकी पार्टी को बदनाम करने और पत्रकारों की जनपक्षधर आवाजों को दबाने की साजिश करार देते हुए इस पर्चा कांड की निंदा की है.

माओवादियों द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने की जानकारी बीजापुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष गणेश मिश्र ने दी.