लखनऊ. इंदिरानगर थाना क्षेत्र के भावनगर स्थित सूर्यांश हेल्थ सेंटर के डॉक्टर पर एक मरीज की मौत का आरोप लगा है. जिसके बाद भीड़ ने उनके क्लीनिक में हंगामा कर दिया. डॉक्टर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि उन्होंने मरीज को उचित उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में जाने की सलाह दी थी.

इधर ये भी जानकारी है कि मरीज KGMU में भर्ती हुआ था. इससे पहले उसका ऑपरेशन निजी अस्पताल में हुआ था. खदरा में KD अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत होना बताया जा रहा है. जल्द ऑपरेशन की बात कहकर उसे निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट के लिए भेजा गया. डॉक्टर रमेश कुमार ने KD अस्पताल में उसका ऑपरेशन किया था. हालत बिगड़ने पर फिर से KGMU में भर्ती कराया गया था.

नशे में था मरीज- डॉक्टर

डॉक्टर का कहना है कि शाम करीब 6 बजे एक व्यक्ति, जिसकी पहचान अरविंद रावत के रूप में हुई, उनके क्लीनिक में पहुंचा. वो नशे की हालत में था और सीने में दर्द की शिकायत कर रहा था. डॉक्टर के मुताबिक अरविंद की हालत को देखते हुए उन्होंने दवा देने से मना कर दिया क्योंकि नशे में होने के कारण किसी भी दवा का साइड इफेक्ट हो सकता था. इसके बजाय, डॉक्टर ने उसे पास के सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी.

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करीब दो घंटे बाद रात 8 बजे अरविंद के लोहिया अस्पताल में निधन की खबर मिली, जिससे लोग आक्रोशित हो गए. अरविंद के निधन की जानकारी मिलते ही करीब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ सूर्यांश हेल्थ सेंटर पहुंची और डॉक्टर पर गलत दवा देने का आरोप लगाया. भीड़ इतनी आक्रोशित थी कि डॉक्टर के खिलाफ अपशब्द बोलते हुए उन पर हमला करने की धमकी दी गई.

डॉक्टर ने मांगी पुलिस की मदद

मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर ने तुरंत 112 हेल्पलाइन पर कॉल कर पुलिस से मदद की गुहार लगाई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया और भीड़ को वहां से हटाया. डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया और मरीज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पताल भेजा, ताकि उचित इलाज मिल सके. इस घटना ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसी घटनाएं डॉक्टरों के मन में भय पैदा कर सकती हैं और उन्हें अपने पेशेवर निर्णयों पर संदेह करने के लिए मजबूर कर सकती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि नशे की हालत में मरीज को दवा देना जोखिम भरा हो सकता है और उन्होंने मरीज के हित में ही निर्णय लिया था.