नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दवाओं की कथित रूप से चोरी करने के आरोप में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अधिकारियों और एक डॉक्टर सहित पांच लोगों को शनिवार को अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान चंद्र प्रकाश (33), अंकित मिश्रा (23), प्रवीण मंगला (40), सुमेश राठी (52) और डॉ. अविनाश सैनी के रूप में हुई है.

चंद्र प्रकाश और मिश्रा हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले हैं. मंगला बदरपुर से, सुमेश कालकाजी एक्सटेंशन (दोनों दिल्ली) से और सैनी यूपी के ग्रेटर नोएडा से हैं. पुलिस के अनुसार, दो व्यक्तियों को ईएसआईसी टिकटों वाली बड़ी मात्रा में दवाओं के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया था. उनमें से एक की पहचान ओखला में ईएसआईसी में फार्मासिस्ट चंद्र प्रकाश के रूप में हुई है.

बरामद दवाएं ईएसआईसी कार्ड धारकों के लिए जारी की गईं. हालांकि, एक जांच के दौरान पाया गया कि अधिकांश कार्डधारक इन औषधालयों में कभी नहीं गए थे, उनमें से कुछ ने आरोपी से बरामद कैश से अलग दवाएं खरीदी थीं. प्रारंभिक जांच के दौरान यह भी पता चला कि चंद्र प्रकाश, सैनी के व्हाट्सएप पर संपर्क में था और रोगी के कार्ड पर दुर्लभ और महंगी दवाएं लिखता था.

ओखला और तिगरी में ईएसआई औषधालयों से एक मेडिसिन स्टॉक रिपोर्ट प्राप्त की गई थी और जब्त दवाओं के बैच नंबरों का मिलान किया गया था. सैनी द्वारा ईएसआईसी लाभार्थी कार्ड पर भी वही दवाएं निर्धारित की गई थीं. दोनों ने साजिश रची और ज्यादा पैसे कमाने के लिए जीवन रक्षक दवाओं को बाजार में बेच दिया. सैनी को बाद में कालकाजी में ईएसआईसी से गिरफ्तार किया गया.

कर्नाटक से एमबीबीएस करने के बाद उसे ईएसआईसी अस्पताल में नौकरी मिल गई थी. जब वह सह-आरोपी चंद्र प्रकाश के संपर्क में आया, तो उसने आर्थिक लाभ के लिए जीवन रक्षक दवाएं लिखनी शुरू कर दीं. आगे जांच जारी है.