रायपुर। आज के दौर में एक डॉक्टर नदी पार करके इलाज करने किसी गांव में जाए तो आप कहेंगे क्या डॉक्टर है. लेकिन जब एक विधायक यही काम करे तो आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा. लेकिन ये सच है. दरअसल जिस विधायक की बात यहां हो रही है वो विधायक होने के साथ पेशे से डॉक्टर भी है.
ये कहानी है सामरी विधायक डॉक्टर प्रीतम की. जो बारिश के मौसम में अपने विधानसभा क्षेत्र में दूर दराज के इलाके में जा रहे हैं. मरीजो़ं का इलाज कर रहे है. इलाज के लिए वे अपने गले में आला लटकाकर और अपनी गाड़ी में दवाइयां लेकर चलते हैं. चूंकि उनके इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है इसलिए वे खुद ही इलाज करने निकल चलते हैं.
पिछले दिनों विधायक डॉक्टर प्रीतम चांदो के जलबोथा गांव पहुंचे. यहां कई दिनों से हाथियों का आतंक था. हाथियों ने 7 घरों को तोड़ दिया था. हाथियों से बचने के लिए गांव वाले कई दिनों से रात-रात भर सोए नहीं थे. भींग-भींगकर पूरा दिन काटा था. जिसस कई गांव वाले बीमार हो गए थे. विधायक 3 किलोमीटर पैदल चलके इस गांव पहुंचे थे. उन्हें नदी भी पैदल पार करना पड़ा था.
गांव पहुंचकर उन्होंने पाया कि गांव के कई लोगों को इलाज की सख्त ज़रुरत है. उन्होंने नदी के उस पार से गाड़ी में रखी दवाई और इलाज का साजोसामान मंगवाया और बीमारों का इलाज शुरु किया.
दो लोगों की हालत काफी बिगड़ी थी तो उन्हें जिला अस्पताल बलरामपुर भिजवाया. दवाइयां खुद विधायक ने दी.
ऐसा नहीं है ये डॉक्टर प्रीतम ने यहां पहुंचकर मरीजों का इलाज किया हो. वे अक्सर अपने क्षेत्र में जहां भी जाते हैं अपनी गाड़ी में दवाईयां और इलाज का सामान लेकर चलते हैं. दरअसल, विधायक बनने से पहले डॉक्टर प्रीतम इलाके के बीएमओ थे और गांव-गांव जाकर लोगों का इलाज करने की वजह से काफी लोकप्रिय थे. इसलिए आज भी वे इस काम को पूरी मुस्तैदी से करते हैं.