doctor pooja murder case : वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पूजा चौरसिया की मौत मामले में सीआईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. पूजा की मौत के 17 हफ्तों बाद आखिरकार सीआईडी की जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि मौत की वजह खुदकुशी नहीं, बल्कि हत्या थी. सीआईडी ने 580 पेज की अपनी रिपोर्ट में जिम ट्रेनर सूरज पांडेय के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म का केस दर्ज करने की सिफारिश की है.

सीआईडी ने (doctor pooja murder case) मामले की कमजोर जांच करने के लिए तत्कालीन टीआई भारती मरकाम और तत्कालीन सीएसपी प्रशिक्षु आईपीएस उमेश गुप्ता के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि दोनों ने एसपी और आईजी से भी गुमराह लगाई है. आईजी के निर्देश के बाद भी तत्कालीन सीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में टीआई को बचाया. हाईकोर्ट के निर्देश पर जब सीआईडी जांच हुई तब हत्या साबित हुई है.

दुष्कर्म के बाद की हत्या (doctor pooja murder case)

पूजा के पति डॉ. अनिकेत कौशिक की भूमिका को लेकर भी सीआईडी ने कोई टिप्पणी नहीं की है. जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. पूजा की मौत के बाद सिरगि‌ट्टी पुलिस ने जिम ट्रेनर सूरज पांडेय को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल भेजा था. सीआईडी ने अपनी जांच में पाया कि सूरज ने पहले दुष्कर्म किया, फिर गले में स्कार्फ का फंदा बनाकर मार डाला.

सीआईडी ने 50 लोगों के लिए बयान, सैकड़ों कॉल डिटेल भी खंगाले

सीआईडी की एआईजी मेघा टेम्भूरकर व उनकी टीम ने 50 लोगों के बयान लिए हैं. पति अनिकेत और आरोपी सूरज के ब्लड सैंपल और डीएनए की जांच कराई. फिंगरप्रिंट भी जुटाए गए. घटना स्थल पर जो साक्ष्य थे, उन्हें पुलिस ने नजरअंदाज किया. सीआईडी ने इन साक्ष्यों को अपनी जांच में शामिल किया और रिपोर्ट बनाई. इसमें कॉल डिटेल ही 380 पेज की है.