नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से EWS कोटे संबंधी मामले की जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है, ताकि NEET PG के लिए काउंसलिंग शुरू हो सके. देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को 11वें दिन भी जारी रही. नीट पीजी काउंसलिंग तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक सुप्रीम कोर्ट EWS और OBC आरक्षण की वैधता का फैसला नहीं करती. एक सूत्र के अनुसार, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ने उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है, ताकि 2021 के लिए काउंसलिंग शुरू हो सके और इस बारे में हड़ताली डॉक्टरों को मौखिक रूप से सूचित किया गया है. सुनवाई में देरी से मेडिकल छात्रों को एक साल का नुकसान होगा.

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हालांकि, हड़ताली डॉक्टरों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जब तक उन्हें अपनी प्रमुख मांग पर सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, वे हड़ताल जारी रखेंगे. आरएमएल (राममनोहर लोहिया अस्पताल) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ मनीष जांगड़ा ने कहा कि मंत्रालय से लिखित आश्वासन मिलने तक वे हड़ताल जारी रखेंगे. हड़ताल के बीच दिल्ली के शीर्ष सरकारी अस्पताल राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं.

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इस बीच आरएमएल अस्पताल ने एक सर्कुलर जारी कर सभी एडहॉक रेजिडेंट डॉक्टरों को हड़ताल में भाग नहीं लेने के लिए कहा है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिसमें सेवा से बर्खास्तगी की बात भी कही गई है. सर्कुलर में कहा गया है कि एडहॉक आधार पर नियुक्त सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को सूचित किया जाता है कि वे किसी हड़ताल की गतिविधि में भाग नहीं ले सकते. नियमों का पालन नहीं करने पर बर्खास्तगी सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 2021 के लिए नीट स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा जनवरी से अप्रैल और फिर सितंबर तक 2 बार विलंबित हुई थी. बाद में परीक्षा सितंबर में आयोजित की गई थी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा के लिए आय मानदंड को मौजूदा 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष में संशोधन किए जाने पर उठे विवाद के कारण दाखिले में देरी हुई है.