हेमंत शर्मा, इंदौर। एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मजदूर की जिंदगी बचाने में बड़ी सफलता हासिल की है। उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के 25 वर्षीय नितेश जायसवाल, जो इंदौर में पिछले चार साल से सेनटिंग का काम कर रहे हैं, 20 सितंबर को एक हादसे का शिकार हो गए। फिनिक्स मॉल के सामने निर्माण कार्य के दौरान वे दूसरी मंजिल से गिर पड़े और नीचे चल रहे सेप्टिक टैंक में जा गिरे। टैंक से निकले हुए 12 एमएम मोटाई के तीन लोहे के सरिए उनके शरीर को आर-पार भेद गए। दो सरिए पेट से होकर निकले तो एक सरिया जांघ से आर-पार हो गया। गंभीर हालत में परिजनों ने रस्सी से सहारा देकर सरिए काटे और नितेश को 108 एंबुलेंस की मदद से तुरंत एमवाय अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद तुरंत आपातकालीन सर्जरी का निर्णय लिया।

पांच घंटे का जटिल ऑपरेशन

जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुदर्शन ओडिया और उनकी टीम ने करीब पांच घंटे तक चले ऑपरेशन में एक-एक कर सभी सरिए सावधानीपूर्वक निकाले। इस दौरान पेट से जमा एक लीटर खून भी निकाला गया। सरियों के कारण बड़ी और छोटी आंत समेत मांसपेशियों में तीन जगह छेद हो गए थे जिन्हें सिलकर ठीक किया गया। साथ ही रीढ़ और कूल्हे की हड्डी में आए फ्रैक्चर का भी इलाज किया गया।

आईसीयू से जनरल वार्ड तक

ऑपरेशन के बाद नितेश को आईसीयू में 24 घंटे निगरानी में रखा गया। पांच दिन बाद उनकी हालत स्थिर होने पर उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि अगले दो से तीन दिन में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

मुफ्त में हुआ इलाज

यह ऑपरेशन प्राइवेट अस्पताल में किया जाता तो 4 से 5 लाख रुपए का खर्च आता। लेकिन एमवाय अस्पताल में यह पूरा इलाज निशुल्क हुआ और नितेश की जान बचा ली गई।

विशेषज्ञों की टीम का योगदान

इस जटिल सर्जरी में जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार शुक्ल, प्रो. डॉ. सुदर्शन ओडिया, असि. प्रो. डॉ. संजय महाजन, डॉ. सतीश वर्मा, डॉ. यश अग्रवाल, डॉ. अभिनय सोनी, डॉ. अर्पित तिवारी और डॉ. ध्रुवसिंह गोहिल शामिल रहे।
निश्चेतना विभाग से प्रो. डॉ. रश्मि पाल और असि. प्रो. डॉ. रवि बारडे ने योगदान दिया। हड्डी रोग विभाग से प्रो. डॉ. आनंद अजमेरा और असि. प्रो. डॉ. अभिषेक पाल की टीम ने भी अहम भूमिका निभाई।  

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