रायपुर। छत्तीसगढ़ यूरोलॉजी सोसाइटी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर, स्त्री रोग, सर्जन और फिजिशियन क्लब के सहयोग से डॉक्टर्स, मेडिकल एवं अस्पताल प्रबंधन क्षेत्र की कानूनी प्रक्रियाओं और संबंधित कानूनी सावधानियों की जानकारी देने जेल रोड स्थित होटल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
संगोष्ठी में डॉ. सुनील जोशी-गुजरात ,डॉ. नीरज नागपाल-चंडीगढ़, डॉ. रविंद्र सबनीस, डॉ. अजय कुमार-पटना, डॉ. संदीप दवे ने भाग लिया. अतिथि वक्ताओं ने ऑपरेशन थिएटर में मरीज की आकस्मिक मृत्यु, डॉक्टर्स के मेडिकल रिकॉर्ड और कागजी दस्तावेज रखरखाव के अलावा ऑपरेशन के दौरान होने वाली असावधानी उनसे बचाव और डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रबंधन की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी जैसे विषयों की जानकारी दी. डॉ. संदीप दवे ने मरीज के इलाज के दौरान उत्पन्न अप्रिय स्थिति और अपने अनुभवों को साझा किया. आयोजन के दौरान डॉ. ललित शाह द्वारा संपादित कानूनी विषयों पर पत्रिका का विमोचन भी किया गया.
दोपहर बाद के सत्र में पीसीपीएनडीटी जन्म पूर्व लिंग निर्धारण कानून की बारीकियों, मेडिकल काउंसिल अधिनियम के नैतिक पहलू और कानूनी अनुभवों एवं चिकित्सा परिसरों में तोड़फोड़, हिंसा और भीड़ का आक्रमण विषय के बारे में विशेष सत्र आयोजित किया गया. कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ के सभी विधाओं और सभी जिलों के 350 डॉक्टरों ने भाग लिया.
कॉन्फ्रेंस में विशेष रूप से एम्स रायपुर के डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर, आईएमए छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ महेश सिन्हा, सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल, हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. प्रशांत भागवत, डॉ. वैभव जैन, डॉ. विकास अग्रवाल, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. अलका गुप्ता, डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. कमलेश अग्रवाल, डॉ. सुभाष अग्रवाल और डॉ. अनिल जैन उपस्थित थे. मंच का संचालन डॉक्टर तबस्सुम दल्ला ने किया.