रायपुर। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अंतर्गत डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में 58 वर्षीय महिला की जटिल हृदय सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस सर्जरी में एक साथ ऑफ पंप बीटिंग हार्ट कोरोनरी बाईपास सर्जरी के साथ-साथ हृदय के दोनों वॉल्व का रिपेयर एवं माइट्रल वॉल्व का प्रतिस्थापन किया गया।

मरीज दुर्ग जिले के जेवरा सिरसा गांव की निवासी हैं, जिन्हें पिछले तीन वर्षों से सांस फूलने और छाती में दर्द की शिकायत थी।

जांच में पता चला ब्लॉकेज का

जांच में यह सामने आया कि मरीज की कोरोनरी आर्टरी में 95% ब्लॉकेज है तथा हृदय के तीन प्रमुख वाल्व :- माइट्रल, एओर्टिक और ट्राइकस्पिड क्षतिग्रस्त हैं। ईकोकार्डियोग्राफी और कोरोनरी एंजियोग्राफी के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी का निर्णय लिया।

ऐसे हुआ ऑपरेशन

पहले ऑफ पंप बीटिंग हार्ट बाईपास सर्जरी की गई,जिसमें हृदय के धड़कन को बंद किये बिना हार्ट के कोरोनरी आर्टरी की बायपास सर्जरी की गई। इसके बाद हार्ट-लंग मशीन की सहायता से हृदय और फेफड़ों को अस्थायी रूप से रोका गया।

हृदय के चैम्बर्स को खोलकर: माइट्रल वाल्व को मेटालिक कृत्रिम वाल्व से बदला गया, एओर्टिक वाल्व को विशेष तकनीक से रिपेयर किया गया और ट्राइकस्पिड वाल्व को रिंग लगाकर सुधारा गया।

सर्जरी की ख़ास बातें

यह एक उच्च जोखिम वाली सर्जरी थी, क्योंकि मरीज की ई.एफ. (ejection fraction) कम तो थी ही एवं एक ही साथ बहुत सारी अन्य सर्जरी भी शामिल थी।

इस बाईपास में आर्टेरियल ग्राफ्ट का प्रयोग किया गया, जो अधिक टिकाऊ होता है।

एओर्टिक वाल्व रिपेयर केवल चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में संभव होता है।

सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और वे शीघ्र ही अस्पताल से डिस्चार्ज लेकर घर लौटने वाली हैं।

डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने डॉ. के. के. साहू और उनकी टीम को इस सफल सर्जरी की उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

डॉ. कृष्णकांत साहू ने बताया कि हमारा कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट सतत् उत्कृष्ट कार्य, नवाचार एवं मरीजों की सेवा के लिए जाना जाता है।