नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली नगर निगम की ओर से संचालित अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारी एक फरवरी से लंबित वेतन तत्काल जारी करने की अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष व अन्य निगम प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल जाकर हड़ताल पर बैठे डॉक्टर्स और पेरामेडिकल स्टॉफ से मुलाकात कर बातचीत की. स्थायी समिति अध्यक्ष बीर सिंह पंवार ने हड़ताल पर बैठे डॉक्टर्स को आश्वासन दिया कि निगम उनकी जायज मांगों को गंभीरता से ले रहा है और 15 दिन के भीतर उनका एक माह का वेतन निश्चित रूप से दे दिया जाएगा. इसके अलावा डॉक्टरों, नर्सों व अन्य कर्मचारियों से अपील भी गई कि वह काम पर लौट जाएं.
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उन्होंने मीडिया से बात कर कहा कि स्वामी दयानंद अस्पताल पूर्वी दिल्ली और आस-पास के क्षेत्र के निम्न आय वर्ग और गरीब तबके के लोगों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराता है. इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने की आर्थिक क्षमता नहीं रखते हैं और इस हड़ताल से हाशिये पर बैठा वो गरीब तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है, जिसके लिए इस अस्पताल के डॉक्टर्स किसी भगवान से कम नहीं है. इसके अलावा महापौर द्वारा भी डॉक्टरों से कहा गया है कि इस संकट की घड़ी में हम सभी को साथ मिलकर कार्य करना है और किसी बहकावे में ना आकर जनसेवा के प्रति निष्पक्षता से अपने कर्तव्य का निर्वहन करना है.
डॉक्टरों के प्रदर्शन पर सियासत भी शुरू
हालांकि डॉक्टरों के प्रदर्शन पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के चलते वेतन नहीं दे पा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि वो डॉक्टरों की मांगों का समर्थन करती है और भाजपा शासित एमसीडी से मांग करती है कि 3 महीने से रुके हुए डाक्टरों को शीघ्र अति शीघ्र वेतन दिया जाए. दरअसल इससे पहले निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ और नसिर्ंग स्टाफ को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे विरोध-प्रदर्शन जारी रखते हैं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी.
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अस्पताल द्वारा कर्मचारियों को आदेश में कहा गया था कि कोविड महामारी की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए सभी कनिष्ठ और वरिष्ठ डॉक्टर्स और स्टाफ को 3 फरवरी 2022 को सुबह 9 बजे तक अपनी ड्यूटी पर वापस आने का निर्देश दिया जाता है, अन्यथा हम आपकी सेवाओं को समाप्त करने और नए जेआर/एसआर (जूनियर डॉक्टर और सीनियर डॉक्टर) को नियुक्त करने के लिए मजबूर होंगे. अस्पताल में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने के लिए यह आवश्यक है.
पूर्वी निगम के स्वास्थ्य कर्मियों को मिला कांग्रेस का समर्थन, जल्द वेतन देने की उठाई मांग
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की ओर से संचालित अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारी एक फरवरी से लंबित वेतन तत्काल जारी करने की अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि डाक्टरों की मांगों का समर्थन करती है और भाजपा शासित एमसीडी से मांग करती है कि 3 महीने से रुके हुए डॉक्टरों को शीघ्र अति शीघ्र वेतन दिया जाए. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों में भ्रष्टाचार इतना फैल चुका है कि एमसीडी के सबसे बड़े अस्पताल के लगभग 100 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ जो पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने के कारण 1 फरवरी 2022 से हड़ताल पर हैं. इन सभी डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड -19 महामारी के दौरान किए गए कार्यों के लिए उनकी तनख्वाह देने और सम्मानित करने की बजाय नौकरी समाप्ति के नोटिस जारी कर अमानवीय कार्य किया. अनिल कुमार ने कहा कि डॉक्टरों के इस प्रकार से हड़ताल पर चले जाने से दयानन्द अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं भी बिल्कुल बन्द पड़ी हैं, जिससे इस अस्पताल में आने वाले गम्भीर रूप के मरीजों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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