चंडीगढ़ । मरीजों के सामने आए दिन यह बड़ी समस्या होती है कि डॉक्टरों द्वारा लिखी गई पर्ची साफ अक्षरों में नहीं लिखी जाती है, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है। इस बारे में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब डॉक्टरों द्वारा लिखे गए पर्चे साफ और स्पष्ट होने चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि सभी मेडिकल पर्चे और जांच रिपोर्ट, चाहे सरकारी अस्पताल में हों या प्राइवेट, साफ अक्षरों में लिखे जाने चाहिए।
बेहतर होगा कि ये कैपिटल अक्षरों में हों या फिर टाइप किए हुए या डिजिटल रूप में दिए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि मरीजों को अपनी बीमारी और इलाज के बारे में जानने का हक है। यह उनके जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का एक अहम हिस्सा है। कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से भी कहा है कि वह मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को साफ लिखावट के बारे में सिखाए।

कैपिटल अक्षर में लिखें डॉक्टर
हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक कंप्यूटर से पर्ची लिखने का सिस्टम पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता, तब तक सभी डॉक्टर कैपिटल अक्षरों में ही पर्चे लिखें। राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश, स्टेट मेडिकल कमीशन के साथ मिलकर डॉक्टरों को जागरूक करें। इसके लिए वे जिले स्तर पर सिविल सर्जन की निगरानी में मीटिंग करें। अदालत ने यह भी कहा है कि कंप्यूटर से पर्चे लिखने के सिस्टम को लागू करने के लिए सरकार को एक नीति बनानी चाहिए। अगर क्लीनिक या डॉक्टरों को वित्तीय मदद की जरूरत हो, तो वह भी दी जानी चाहिए।
- रेत माफियाओं के हौसले बुलंद : जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में अवैध भंडारण जारी, कवरेज करने गए पत्रकारों के साथ की गई बदसलूकी
- खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आगाज: अनुपम खेर ने राजा बुंदेला से उधार लिए पैसे चुकाए, भारत गौरव सम्मान से हुए सम्मानित
- सीएम योगी के नेतृत्व में बदला UP का चेहरा, विकास और सुशासन की यात्रा को मिली नई पहचान
- IPL 2026 Mini Auction: नीलामी में इन 10 भारतीयों की हुई बल्ले-बल्ले, टीमों ने दिल खोलकर लुटाया पैसा, कार्तिक-प्रशांत ने रच डाला इतिहास
- ‘पूना मारगेम’ से शांति की ओर बढ़ते कदम : 34 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सीएम साय बोले – छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प



