Lalluram Desk. भारतीय शेयर बाजार में अगर किसी महिला निवेशक का नाम सबसे ज्यादा चर्चित रहा है, तो वह हैं — डॉली खन्ना. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी इस कामयाबी के पीछे किसका दिमाग है? दरअसल, डॉली के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के पीछे पूरी रणनीति उनके पति राजीव खन्ना की होती है. चेन्नई स्थित इस जोड़ी की कहानी न सिर्फ दिलचस्प है, बल्कि हर नए निवेशक के लिए एक प्रेरणा भी है.

कहां से हुई शुरुआत?

डॉली खन्ना का जन्म चेन्नई के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उन्होंने MBA की पढ़ाई की और पारिवारिक जीवन में सक्रिय रहीं. वहीं उनके पति राजीव खन्ना, जिन्होंने IIT मद्रास से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, एक समय क्वालिटी आइसक्रीम ब्रांड के मालिक थे. 1995 में उन्होंने यह बिजनेस हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेच दिया और उसके बाद उन्होंने शेयर बाजार को अपना नया कैरियर बनाया.

पहली बड़ी कामयाबी: सत्यम कंप्यूटर से शुरुआत

राजीव खन्ना ने 1996 में शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत की. उनकी पहली बड़ी सफलता सत्यम कंप्यूटर जैसे आईटी स्टॉक में निवेश से मिली. हालांकि, शेयर बाजार की अनिश्चितता उन्हें भी डरा गई थी और एक समय उन्होंने पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाने का विचार भी किया.

रियल एस्टेट से वापसी: यूनिटेक ने बदल दी किस्मत

2003-04 में जब वे दिल्ली में एक फ्लैट खरीदने गए, तब उन्होंने यूनिटेक लिमिटेड नाम की एक रियल एस्टेट कंपनी को खोजा. गहराई से रिसर्च करने के बाद उन्होंने इस कंपनी में निवेश किया और अच्छा मुनाफा कमाया. यहीं से उनका विश्वास फिर से शेयर बाजार में लौट आया.

मंदी में भी नहीं डिगा भरोसा

2008 की आर्थिक मंदी में उन्हें भारी नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने निवेश करना नहीं छोड़ा. राजीव खन्ना की यही दृढ़ता आज उन्हें और डॉली खन्ना को सफल निवेशकों की सूची में शामिल करती है.

डॉली खन्ना का पोर्टफोलियो कैसे बना खास?

राजीव भले ही रणनीति बनाते हैं, लेकिन शेयर बाजार में निवेश के लिए डॉली खन्ना का नाम इस्तेमाल किया जाता है. उनके नाम से दर्ज पोर्टफोलियो में आज 17 स्टॉक्स हैं, जिनकी कुल वैल्यू ₹534 करोड़ से ज्यादा है. डॉली खासतौर पर स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में विश्वास रखती हैं, जो भविष्य में मल्टीबैगर बनने की क्षमता रखते हैं.

क्या है इनकी निवेश रणनीति?

  • लंबी अवधि की सोच
  • मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में विश्वास
  • इंडस्ट्री और मैनेजमेंट पर गहराई से रिसर्च
  • गिरावट के दौरान भी धैर्य बनाए रखना

डॉली और राजीव दोनों का मानना है कि बाजार में अस्थायी उतार-चढ़ाव से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसे अवसर के रूप में देखना चाहिए.

डॉली खन्ना और उनके पति राजीव खन्ना की कहानी यह साबित करती है कि निवेश में रिसर्च, धैर्य और दूरदर्शिता का मेल ही असली सफलता दिलाता है. जहां डॉली का नाम उनके पोर्टफोलियो को आइडेंटिटी देता है, वहीं राजीव की रिसर्च उसे मजबूती देता है. आज दोनों न सिर्फ एक कामयाब निवेशक दंपति हैं, बल्कि लाखों नए निवेशकों के लिए रोल मॉडल भी बन चुके हैं.