Donald Trump On Illegal Immigrant Indian: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप ने अमेरिका (America) की सत्ता संभालते ही अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ट्रंप प्रशासन 6 दिन के अंदर-अंदर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे सैकड़ों विदेशियों को डिपोर्ट किया है। वहीं अवैध प्रवासियों को खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच इसकी आग 7 लाख भारतीयों (7 lakh Indians) तक भी पहुंच गई है। एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त करीब अमेरिका में 7 लाख अवैध अप्रवासी भारतीय (7 lakh illegal Indian immigrants in America) रह रहे हैं। अब इन सभी के भी अमेरिका सा निकलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
अब ट्रंप के अधिकारी अवैध अप्रवासियों की तलाश में गुरुद्वारों का भी दौरा कर रहे हैं। गृह मंत्रालय (DHS) के सुरक्षा अधिकारियों ने अवैध अप्रवासियों की जांच के लिए न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों का दौरा किया, जिस पर कुछ सिख संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। सिख संगठनों ने इस तरह की कार्रवाई को अपनी आस्था की पवित्रता के लिए खतरा बताया है। माना जाता है कि सिख अलगाववादियों के साथ-साथ वैध दस्तावेज के बगैर रह रहे कुछ अप्रवासी न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के कुछ गुरुद्वारों का उपयोग करते हैं।
इधर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ट्रंप प्रशासन हमारे बहादुर अधिकारियों के हाथ नहीं बांधेगा और इसके बजाय उसे भरोसा है कि अधिकारी ऐसे मामलों में अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘यह कार्रवाई सीबीपी और आईसीई के अधिकारियों को हमारे आव्रजन कानूनों को लागू करने और हत्यारों और बलात्कारियों सहित आपराधिक विदेशियों को पकड़ने में सशक्त बनाती है, जो अवैध रूप से हमारे देश में आए हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘अपराधी अब गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिका के स्कूलों और गिरजाघरों में छिप नहीं पाएंगे। ट्रंप प्रशासन हमारे बहादुर अधिकारियों के हाथ नहीं बांधेगा और इसके बजाय उसे भरोसा है कि अधिकारी ऐसे मामलों में अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे।
ट्रंप की कार्रवाई से भड़के सिख संगठन
एक बयान में सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDF) ने आव्रजन प्रवर्तन कार्रवाइयों पर प्रतिबंध के संबंध में पूजा स्थलों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को नामित करने वाले पूर्व के दिशा-निर्देशों को रद्द करने के निर्देश पर गंभीर चिंता व्यक्त की। एसएएलडीएफ ने कहा, ‘नीति में परेशान करने वाले इस बदलाव के साथ ही समुदाय से ऐसी रिपोर्ट सामने आई, जिसमें निर्देश जारी होने के कुछ ही दिनों बाद डीएचएस अधिकारियों ने न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी क्षेत्रों में गुरुद्वारों का दौरा किया।
एसएएलडीईएफ की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा, ‘हम गृह मंत्रालय के उस निर्णय से बहुत चिंतित हैं, जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा समाप्त कर दी गई है और गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया है। किरण कौर गिल ने कहा, ‘इन स्थानों को कार्रवाई के लिए निशाना बनाना हमारी आस्था की पवित्रता को खतरे में डालता है और देश भर के अप्रवासी समुदायों को एक चिंताजनक संदेश देता है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी 2025 को शपथ ली थी शपथ लेने के कुछ ही घंटों के अंदर गृह मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री बेंजामिन हफमैन ने एक निर्देश में आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) और सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) प्रवर्तन कार्रवाइयों के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के उन दिशानिर्देशों को रद्द कर दिया, जो तथाकथित संवेदनशील क्षेत्रों में या उसके आस पास कानून को लागू करने बाधा पहुंचाते हैं। इन संवेदनशील क्षेत्रों में गुरुद्वारे और गिरजाघर जैसे पूजा स्थल शामिल हैं।
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