China Nuclear Bomb Program: चालबाज चीन की नई चाल का खुलासा हुआ है। इस खुलासे ने भारत को चिंता में डाल दिया है। चीन की इस नई चाल का खुलासा खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने किया है। ट्रंप ने दावा किया चीन लोप नूर (Lop Nur) झील के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम (atom bomb) बना रहा है। ये इलाका भारत से मात्र करीब 1500 किलोमीटर की दूरी पर है। रणनीतिक और सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए खतरे की घंटी है।

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ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है चीन अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस के पास परमाणु हथियार तेजी से बना रहा है। उन्होंने कहा कि बगराम एयरबेस रणनीतिक रूप से बेहद अहम था। अमेरिका की सबसे बड़ी भूलों में एक इस बेस को छोड़ना रहा। अगर उस वक्त वे राष्ट्र्पति होते तो बगराम एयरबेस को कभी खाली नहीं करते। उन्होंने जिस जगह का जिक्र किया है वो चीन का लोप नूर इलाका है, जो एक झील के किनारे पर बसा है।

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क्या सच में बगराम के पास है चीन का परमाणु ठिकाना?

ट्रंप के दावे की पड़ताल की और सेटेलाइट इमेजेज के जरिए ये जानने की कोशिश की गई कि बगराम और चीन के उस परमाणु ठिकाने के बीच दूरी कितनी है। चीन का जिस क्षेत्र का नाम ट्रंप ने अप्रत्यक्ष रूप से लिया वो लोप नूर है। ये उत्तर पक्षिम में स्थित है और वहां दशकों से परमाणु परीक्षण होते रहे हैं।

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लोप नूर और बगराम एयरबेस के बीच की दूरी जमीन से करीब 2000 किलोमीटर है, यानी एक घंटे की ड्राइविंग की बात करना तकनीकी रूप से गलत है। हालांकि, अगर सुपरफास्ट सैन्य विमानों की बात करें तो यह दूरी एक घंटे में तय की जा सकती है, लेकिन आम भू-सैन्य रणनीति में यह दावा अतिरंजित लगता है।

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लोप नूर: चीन का सबसे बड़ा परमाणु अड्डा

बता दें कि नागासाकी एटोमिक इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास फिलहाल 600 के करीब परमाणु हथियार हैं। लोप नूर में उसका विस्तार तेज़ी से हो रहा है। ये इलाका एक झील के पास स्थित है, जिसे अब सैन्य परीक्षणों और मिसाइल प्रक्षेपणों का गढ़ बना दिया गया है। भारत से महज़ 1500 किलोमीटर दूर स्थित ये जगह सुरक्षा विशेषज्ञों की निगरानी में लगातार बनी हुई है।

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बगराम एयरबेस अब किसके हाथ में?

वहीं बगराम एयरबेस की बात करें तो कभी यह अमेरिका की वॉर ऑन टेरर का सबसे बड़ा ऑपरेशनल बेस था। 2001 से 2021 तक अमेरिकी फौजों ने इसे अल-कायदा और तालिबान के खिलाफ इस्तेमाल किया। यह बेस इतना विशाल है कि एक साथ 10,000 से ज़्यादा सैनिक यहां रह सकते हैं। इसके रनवे को दुनिया का सबसे मज़बूत रनवे बताया गया है। 2021 में अमेरिकी फौजें चुपचाप इस बेस को छोड़ गईं और अब यह तालिबान के नियंत्रण में है। ट्रंप लगातार ये दावा करते आ रहे हैं कि चीन ने बगराम पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि किसी स्वतंत्र स्रोत से नहीं हो पाई है।

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