Donald Trump Gold Card Visa Launch: अमेरिका की इमिग्रेशन नीति में बड़ा बदलाव करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया ट्रंप गोल्ड कार्ड वीजा लॉन्च कर दिया है। इसके तहत ₹9 करोड़ देकर कोई भी अमेरिका की नागरिकता ले सकते है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार (अमेरिकी समयानुसार) को व्हाइट हाउस में व्यापारिक नेताओं की उपस्थिति में बहुप्रतीक्षित “ट्रंप गोल्ड कार्ड” वीजा कार्यक्रम का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया। कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.8 करोड़ रुपए) है। हालांकि कंपनियों को कार्ड के लिए 2 मिलियन डॉलर देना होगा।

ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि उस वक्त उन्होंने इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर (42 करोड़ रुपए) रखी थी। सितंबर में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर किया गया।

कार्ड के लॉन्च की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह “कुछ हद तक ग्रीन कार्ड जैसा है, लेकिन ग्रीन कार्ड की तुलना में इसके कई बड़े फायदे हैं। ट्रंप का कहना है कि यह अमेरिका फर्स्ट एजेंडे का हिस्सा है, जो टॉप टैलेंट (जैसे भारत-चीन से पढ़े स्टूडेंट्स) को रोकने और कंपनियों को अमेरिका लाने के लिए है। होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा, “यह दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा।” वहीं ट्रम्प का प्लैटिनम कार्ड भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसकी फीस करीब 5 मिलियन डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपए) है।

ट्रम्प बोले- सिर्फ टैलेंटेड लोगों को वीजा देंगे

गोल्ड कार्ड की अनलिमिटेड रेसीडेंसी में नागरिकों को सिर्फ पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार नहीं मिलता, बाकी सारी सुविधाएं एक अमेरिकी नागरिक के जैसी मिलती हैं। यह प्रक्रिया उसी तरह होगी, जैसे ग्रीन कार्ड के जरिए स्थायी निवास मिलता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह वीजा प्रोग्राम खास तौर पर धनी विदेशियों के लिए है, ताकि वे 1 मिलियन डॉलर देकर अमेरिका में रहते हुए काम कर सकें। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीजा देगा, न कि ऐसे लोगों को जो अमेरिकियों की नौकरियां छीन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस रकम का इस्तेमाल टैक्स को घटाने और सरकारी कर्ज चुकाने में किया जाएगा।

सारा पैसा अमेरिकी सरकार के पास जाएगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहा कि मेरे और मेरे देश के लिए बेहद खुशी की बात है कि हमने अभी-अभी ट्रंप गोल्ड कार्ड लॉन्च किया है। वेबसाइट लगभग 30 मिनट में खुल जाएगी और सारा पैसा अमेरिकी सरकार के पास जाएगा… यह कुछ हद तक ग्रीन कार्ड जैसा है, लेकिन ग्रीन कार्ड से कहीं ज़्यादा फायदेमंद है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनियां किसी भी संस्थान में जाकर कार्ड खरीद सकेंगी और उस व्यक्ति को अमेरिका में रख सकेंगी… किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को अपने देश में लाना एक तोहफा है, क्योंकि हमें लगता है कि कुछ ऐसे प्रतिभाशाली लोग होंगे जिन्हें अन्यथा यहां रहने की अनुमति नहीं मिलती। कॉलेज से स्नातक होने के बाद उन्हें भारत, चीन या फ्रांस वापस जाना पड़ता है… कंपनियां बहुत खुश होंगी।

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