Black Monday In US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था में तूफान ला दिया है। भारत-चीन समेत कई देशों के शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। लाखों करोड़ रुपये निवेशकों के डूब गए हैं। खुद अमेरिका में ट्रंप की घोषमा के 48 घंटे के अंदर  अमेरिकी शेयर बाजार में 6 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी। अब एक्सपर्ट ने 7 अप्रैल को ‘ब्लैक मंडे’ आने की भविष्यवाणी की है।

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फाइनेंशियल कॉमेंटेटर और सीएनबीसी के शो मैड मनी के होस्ट जिम क्रैमर (jim cramer) ने 1987 जैसे ‘ब्लैक मंडे’ आने की भविष्यवाणी की है। क्रैमर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से दुनियाभर के देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को इसकी वजह बताया है।क्रैमर ने कहा- अगर ट्रंप नियमों का पालन करने वाले देशों को राहत नहीं देते हैं, तो 1987 का परिदृश्य—तीन दिन की गिरावट और फिर सोमवार को 22% की गिरावट—सबसे संभावित है। हमें यह जानने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सोमवार तक यह पता चल जाएगा।

जिम क्रैमर

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बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार सूचकांक डाउ जोंस 3 अप्रैल को 1,679 अंक (3.98%) गिरकर 40,545 पर बंद हुआ था। इसी समय, एसएंडपी 500 सूचकांक 274 अंक (4.84%) गिरकर 5,450 पर बंद हुआ था। नैस्डैक कंपोजिट सबसे अधिक 1,050 अंक (5.97%) की गिरावट के साथ बंद हुआ था।

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जिम क्रैमर की 3 बड़ी भविष्यवाणी जो सही साबित हुई…

1. एनवीडिया पर बुलिश कॉल (2023): क्रैमर ने 2023 में एनवीडिया जैसी मेगा-कैप टेक कंपनियों पर बुलिश रुख अपनाया था। तब शेयर 15 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा था। जनवरी 2025 में ये 150 डॉलर के करीब पहुंच गया था। यानी, उनकी यह कॉल सही साबित हुई।

2. मार्केट वोलैटिलिटी (2022): 2022 की शुरुआत में, क्रैमर ने बाजार में अस्थिरता की भविष्यवाणी की थी, जो सच हुई। उस साल स्टॉक्स में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। एसएंडपी 500 इंडेक्स में लगभग 19% गिरा। उनकी यह चेतावनी निवेशकों के लिए उपयोगी रही।

3. 2008 के बाद की रिकवरी (2009): 2008 के वित्तीय संकट के बाद, क्रैमर ने 2009 में बाजार में सुधार की भविष्यवाणी की। उन्होंने निवेशकों से पिटे हुए शेयरों में अवसरों की तलाश करने की सलाह दी। उस साल एसएंडपी 500 इंडेक्स में 23.5% की तेजी आई।

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इस साल के टॉप गेनर वॉरेन बफेट को भी भारी नुकसान हुआ

इस साल के टॉप गेनर वॉरेन बफेट भी ट्रंप के टैरिफ का शिकार हो गए. गुरुवार को वॉल स्ट्रीट पर आए भूकंप के कारण बफेट को 2.57 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. इसके बाद अब उनकी संपत्ति घटकर 165 बिलियन डॉलर रह गई है.

ये है दुनिया के टॉप 10 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट

  • एलन मस्क – 322 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ अभी भी पहले नंबर पर हैं. कल उन्हें 11 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
  • जेफ बेजोस – गुरुवार को 15.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. अब उनकी नेटवर्थ घटकर 201 बिलियन डॉलर रह गई है.
  • मार्क जुकरबर्ग – 17.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, अब उनकी संपत्ति 189 बिलियन डॉलर रह गई है.
  • वॉरेन बफेट – 2.57 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, अब उनकी संपत्ति 165 बिलियन डॉलर रह गई है.
  • बर्नार्ड अर्नाल्ट – 6.22 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, उनकी संपत्ति घटकर 163 बिलियन डॉलर रह गई है.
  • बिल गेट्स – 291 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, उनकी नेटवर्थ 162 बिलियन डॉलर रह गई.
  • लैरी एलिसन – 8.10 बिलियन डॉलर की गिरावट आई, उनकी संपत्ति 160 बिलियन डॉलर हो गई.
  • लैरी पेज – 4.79 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, उनकी संपत्ति 138 बिलियन डॉलर हो गई.
  • स्टीव बाल्मर – 2.85 बिलियन डॉलर गंवाए, उनकी संपत्ति 131 बिलियन डॉलर हो गई.
  • सर्गेई ब्रायन – 4.46 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, उनकी संपत्ति 130 बिलियन डॉलर हो गई.

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9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ

अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगेगा। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को और रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

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दुनिया में क्यों हड़कंप
दरअसल, आयात किए गए सामानों पर लगाए गए 10% के नए टैरिफ और दर्जनों देशों पर लगाए गए जवाबी टैरिफ से व्यापारी घबरा गए हैं। ट्रंप का कहना है कि इन देशों में व्यापार बाधाएं हैंय़ निवेशकों को डर है कि व्यापार को लेकर पूरी तरह से छिड़ा विवाद दुनिया की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट का कारण बन सकता है और महंगाई को बढ़ा सकता है। अमेरिका ने ऐसे समय में नए टैरिफ लगाए हैं, जब दुनिया की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के बाद आई महंगाई से उभरी भी नहीं है और भू-राजनीतिक तनाव का सामना कर रही है।

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