अमित पांडेय, डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में हाल ही में हुई एक हाईटेक लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि पीड़ित युवक का सबसे करीबी दोस्त ही इस लूट का मास्टरमाइंड निकला। दोस्ती की आड़ में पहले विश्वास जीता और फिर पूरी साजिश रचकर लाखों की लूट को अंजाम दिया। पुलिस ने महज 48 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इस जटिल मामले को सुलझा लिया है।

बता दें कि 19 जून की रात करवारी मार्ग के पास बांस डिपो मैदान में अंजाम दी गई इस वारदात ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। पीड़ित असगर खान ने 20 जून को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दो नकाबपोश युवकों ने चाकू की नोक पर उसके दोस्त नकीब और उससे मोबाइल, नकद और गहनों की लूट की, साथ ही PhonePe के जरिए ₹98,000 रुपये जबरन ट्रांजेक्शन करवा लिया गया। जांच में लूट की कुल राशि करीब ₹2.85 लाख आंकी गई।
दोस्त ने ही रची थी लूट की साजिश
जांच के दौरान जब असगर खान के साथ मौजूद नकीब खान से पूछताछ की गई तो उसके बयान संदिग्ध पाए गए। पुलिस की सख्ती और तकनीकी जांच के बाद नकीब ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि पूरी साजिश उसी ने रची थी। नकीब ने अपने साथियों पिन्टू उर्फ हिरेन्द्र सिन्हा (राजनांदगांव निवासी) और भरत बन्सोड (तुलसीपुर निवासी) के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।
बीयर के बहाने सुनसान मैदान ले गया, नकाबपोशों ने लूटा
वारदात वाले दिन नकीब खान ने असगर को बीयर पीने के बहाने बांस डिपो मैदान चलने को कहा। वहां पहले से ही उसके साथी स्कूटी में नकाब लगाकर मौजूद थे। जैसे ही असगर वहां पहुंचा, दोनों नकाबपोशों ने चाकू की नोक पर मोबाइल, नकद और गहनों की लूट की। फोन से पहले से सेट QR कोड स्कैन कर ₹98,000 की ट्रांजेक्शन भी कर ली गई। इस दौरान नकीब ने खुद को निर्दोष दिखाकर असगर को धोखा दिया।
आरोपियों पर पहले से हैं संगीन धाराएं दर्ज
गिरफ्तार नकीब खान (18) पहले भी बलवा, शासकीय कार्य में बाधा और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में आरोपी रहा है। वहीं पिन्टू सिन्हा (19) हत्या के एक मामले में शामिल है। तीसरा आरोपी भरत बन्सोड (20) भी गंभीर मामलों में संलिप्त पाया गया है। इस केस में एक नाबालिग आरोपी को भी अभिरक्षा में लिया गया है, जिस पर कानूनी प्रक्रिया जारी है।
पुलिस की तत्परता से 48 घंटे में हुई गिरफ्तारी
डोंगरगढ़ पुलिस ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सिर्फ 48 घंटों में पूरे लूटकांड का खुलासा कर दिया। थाना प्रभारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों और संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। फिलहाल सभी से पूछताछ जारी है और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
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