Jharkhand: झारखंड में नवजातों को मां का दूध उपलब्ध कराने डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक (Donor Human Milk Bank) शुरू होने जा रही है. जन्म के आधे घंटे के भीतर मां का गाढ़ा दूध बच्चे के लिए जरूरी होता है. मां का दूध बच्चों के विकास के लिए भी आवश्यक होता है इसी कमी को पूरा करने के लक्ष्य से झारखंड में शीघ्र ही ह्यूमन मिल्क बैंक की शुरुआत होगी. पहले 4 जिलों में इसे प्रयोग के तौर पर खोला जाएगा.
समीर वानखेड़े केस: NCP नेता नवाब मलिक को राहत, मुंबई पुलिस दायर करेगी क्लोजर रिपोर्ट
झारखंड के चार जिले रांची, बोकारो, दुमका और हजारी बाग में इसे शुरू किया जाएगा. प्रयोग सफल होने पर राज्य के अन्य जिलों में धीरे-धीरे इसका विस्तार होगा. प्रोजेक्ट झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक के लिए टेंडर जारी किया है.
जानें कैसे काम करेगा
इस प्रोजेक्ट में जो कंपनी जुड़ेगी, उसे निर्धारित मापदंड के अंतर्गत काम करना होगा. मदर मिल्क बैंक के लिए डोनर सिस्टम काम करता है. यहां महिलाएं अपनी स्वेच्छा से मिल्क डोनेट करेंगी. इसके बाद इसे प्रोसेस कर अस्पतालों को जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा.
घूसखोर BCCL क्लर्क गिरफ्तार, CBI ने 14 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा
डोनर ह्यूमन मिल्क बैंक के पूरे सेटअप, उपकरण इंस्टॉलेशन, सप्लाई कैलिब्रेशन और ट्रेनिंग शामिल हैं. टेंडर की प्रक्रिया 2 महीनों में पूरी होगी. जबकि बिड सबमिशन 31 जनवरी से शुरू होगी और इसकी आखिरी तारीख 6 फरवरी 2025 है. जबकि इसका टेक्निकल बिड 7 फरवरी को खोला जाना है.
नौकरी से निकाला तो ऑफिस की गेट पर किया काला जादू, नीबूं, नारियल और काली गुड़िया के साथ किया ये काम
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े बताते हैं कि राज्य में लगभग 15 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हें मां का दूध नहीं मिल पाता है. राज्य में एनेमिया महिलाओं की ऐसी समस्या है, जिस वजह से उनका दूध नहीं बनता और नवजात उससे वंचित रह जाते हैं.
नवजात शिशुओं को अपनी मां के दूध के समान सुरक्षित दूध उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य है. इसके तहत मिल्क बैंक की स्थापना से लेकर दूध की जांच तथा मिल्क बैंक में काम करने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को दी जाएगी.
jharkhand Road Accident: ट्रक ने तीन बाइक सवारों को रौंदा, एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा
क्यों जरूरी होता है मां का दूध
यूनिसेफ समेत अन्य संस्थाओं की रिसर्च बताती हैं कि जिन बच्चों को मां का दूध पर्याप्त नहीं मिल पाता, वे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. डायरिया और निमोनिया के साथ ही कई गंभीर रोगों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक