आजकल फोन के साथ चार्जर अमूमन नहीं आता है. ऐसे में पुराना चार्जर खो जाए या खराब हो या फिर सफर में चार्जर घर पर छूट गया है तो नए चार्जर खरीदने की जरुरत पड़ती है. लेकिन अक्सर पैसे बचाने के चक्कर में लोग कोई भी लोकल चार्जर को घर ले आते हैं जो आपके फोन के बैटरी को खराब कर सकता है. मोबाइल चार्जर खरीदते समय किन पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस आर्टिक्ल में बताने जा रहे हैं.
दरअसल, हम सभी को पता है कि चार्जर का काम फोन की बैटरी में बिजली पहुंचाना है. हर चार्जर एक वाट (watt) रेटिंग के साथ आता है, और अधिक वाट का मतलब है कि फोन की बैटरी तेजी से चार्ज होगी. चार्जर की वाट क्षमता वोल्ट और एम्पीयर का कैल्कुलेशन है. मान लीजिए आपके चार्जर की रेटिंग 5V-3A है, तो इसका मतलब है कि आपका चार्जर 15W का है. अपने स्मार्टफोन के लिए चार्जर खरीदने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, नीचे देखें लिस्ट…
पावर रेटिंग चेक करें
जब भी नया चार्जर चुनना हो तो पावर रेटिंग पर नजर रखें. पावर रेटिंग हमेशा एम्पियर (A) और वोल्ट्स (V) में दर्शाई जाती है. ये चार्जर के डिब्बे पर ही दिख जाती है. पावर रेटिंग के मामले में गणित सीधा-सा है- जितनी ज्यादा एम्पियर और वोल्ट की वैल्यू, उतनी ही ज्यादा फास्ट चार्जिंग. लेकिन यहां एक बात गौर करने वाली यह है कि हर फोन फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट नहीं करता है. तो सबसे पहले अपने फोन के स्पेसिफिकेशन्स में यह जरूर चेक कर लें कि वो कितने वॉट तक की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है और उस हिसाब की पावर रेटिंग वाला चार्जर ही लें.
अच्छी क्वालिटी का चार्जर खरीदें
सबसे पहले, यह मत भूलिए कि सस्ता बहुत महंगा हो सकता है. इसलिए सस्ते और खराब क्वालिटी वाले चार्जर खरीदने से बचें. खराब क्वालिटी वाला चार्जर आपके बैटरी में ब्लास्ट कर सकता है. यह फोन की बैटरी को डायरेक्ट चार्ज करता है जिससे फोन की बैटरी जल्दी खराब हो जाती है. इसलिए हमेशा जिस कंपनी का फोन हो उसी कंपनी का ओरिजनल चार्जर खरीदें.
MicroUSB और USB-C कनेक्टर चार्जर खरीदें
आज के स्मार्टफोन मॉडल और रेंज के आधार पर यूएसबी-सी और माइक्रोयूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल करते हैं. ये कनेक्टर एक दूसरे के साथ सपोर्ट नहीं करते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपने सही चुनाव किया है. चार्जर कनेक्टर वहीं होना चाहिए जो आपके मोबाइल में है. बता दें ,iPhone भी बहुत जल्द लाइटनिंग कनेक्टर से USB-C पर स्विच करने वाला है.
सेफ्टी फीचर्स पर नजर रखें
फोन के साथ जो भी चार्जर आता है, वह हमेशा ढेरों सेक्युरिटी चेक्स से गुजरकर आता है. लेकिन थर्ड पार्टी चार्जर्स के साथ भी ऐसा हो, ये जरूरी नही. इसलिए चार्जर लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें ओवरकरंट या ओवरवोल्टेज प्रोटेक्शन अथवा शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन दिया गया है या नहीं. इस तरह के फीचर्स के बगैर कोई चार्जर ना लें, क्योंकि ये फीचर फोन को नुकसान पहुंचने से बचाएंगे, साथ ही फोन चार्ज होते वक्त शॉर्ट सर्किट की आशंका को भी कम करेंगे.
केबल की लंबाई और क्वालिटी करें चेक
एक छोटी केबल वाला चार्जर खरीदना सबसे खराब चीजों में से एक है. बाजार में ऐसे कई ऐसे चार्जर हैं जिनसे चार्जिंग केबल को पावर एडॉप्टर से अलग किया जा सकता है. ऐसे चार्जर में खराब केबल को बदलना काफी आसान होता है. चार्जर के साथ-साथ केबल अच्छी क्वालिटी का होना जरूरी है. ज्यादा लेंथ वाले केबल होने से आप अपने फोन को कहीं भी आसानी से चार्ज पर लगाकर रख सकते हैं.