मुंबई। यूनिवर्सल पेमेंट इंटरफेस (UPI) ट्रांजेक्शन पर चार्ज लगने की आ रही खबर के बीच नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया याने NPCI ने तस्वीर साफ कर दी है. एनपीसीआई के मुताबिक, बैंक खातों से जुड़े UPI लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा. यह पहले की तरह मुफ्त हैं. केवल PPI Wallets- (Prepaid Payment Instruments) पर शुल्क होगा, और वह भी ग्राहक को नहीं देना है.
चलिए अब आपको सरल भाषा में समझाते हैं. UPI सेवा पहले की ही तरह मुफ्त हैं, लेकिन इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया हैं. अगर आप अपने बैंक एकाउंट से किसी और के बैंक एकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर कर रहे हैं. आप अपने वॉलेट (पेटीएम, फ़ोनपे, गूगलपे) से किसी भी व्यक्ति के वॉलेट में मुफ्त में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं.
अब सवाल है कि फिर यह 1.1% फीस किस बात की हैं? मान लीजिये आप एक दुकान पर जाते हैं. आपने 2000 रूपए तक का सामान खरीदा, और दुकानदार ने आपको अपने पेटीएम/गूगलपे /फ़ोनपे वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करने को कहा तो आपको कोई भी अलग फीस नहीं देना है.
अगर दुकानदार आपको अपने बैंक एकाउंट में UPI के द्वारा पैसा डालने को कहता हैं. तो किसी भी तरह की फीस नहीं लगेगी. गूगलपे खोलेंगे, तो पाएंगे कि उसमे भी UPI पेमेंट का विकल्प होता है. आप वह इस्तेमाल करते हैं तो कोई चार्ज नहीं लगेगा.
अब मान लीजिये कि आपने 2100 रुपए का सामान खरीदा… और दुकानदार आपको अपने UPI या बैंक एकाउंट के बजाये वॉलेट में पैसा भेजने को कहता हैं… तो उस 2100 रुपए के लेनदेन पर 1.1% फीस लगेगी. यह फीस देगा कौन? दुकानदार या मर्चेंट ही देगा. खरीदार को यह फीस नहीं देनी होगी.
अगर आप 2000 रुपए से ज्यादा का सामान खरीदते हैं, और दुकानदार आपको अपने वॉलेट में पैसे लेनदेन करने को कहता है तो आप उसे उसका एकाउंट नंबर या UPI ID देने के लिए बोल सकते हैं. अगर फिर भी दुकानदार नहीं माने, या उसके पास बैंक एकाउंट या UPI ID नहीं हैं, तो आप पेमेंट कीजिये और आपको कोई अलग चार्ज नहीं चुकाना है.
जो 1.1% लगेगा लेनदेन पर, वह दुकानदार के एकाउंट से कटेगा.
यह क्यों किया जा रहा है? इसका पहला कारण तो UPI के चलन को बढ़ाना है. हर दुकानदार अपना 1.1% बचाने के लिए बैंक लेनदेन या UPI के उपयोग करने को प्राथमिकता देगा. और देनी भी चाहिए. जब आपके पास बैंक एकाउंट है, तो उसी में पैसा लो. छोटा-मोटा पेमेंट वॉलेट में ले लो, लेकिन 2000 से ऊपर वाले लेनदेन बैंक एकाउंट या UPI में ही कीजिए. यह एकदम मुफ्त रहेगा.
दूसरा कारण है अनुपालन. वर्ल्ड बैंक और कमीटी ऑन पेमेंट्स एंड मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर ने यह सुझाव दिया था कि इस तरह के ऑनलाइन लेनदेन पर 1.15% इंटरचेंज फीस लगनी चाहिए.
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