कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को फर्जी मतदाता मामले में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत(O.P Rawat) का समर्थन प्राप्त हुआ है. रावत का मानना है कि चुनाव आयोग (Election Commission) को बेंगलुरु में फर्जी मतदाताओं के संबंध में राहुल गांधी द्वारा उठाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए.

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इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि जब वे वहां थे, तो उनकी नीति यह थी कि यदि किसी पार्टी का वरिष्ठ सदस्य कोई आरोप लगाता है, तो वे स्वतः उसकी जांच करते थे और आम जनता के सामने तथ्यों को प्रस्तुत करते थे, ताकि व्यवस्था में विश्वास बना रहे. उन्होंने पार्टियों से पहले शिकायत करने की अपेक्षा नहीं की.

राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाया?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मौजूद थे. उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कम से कम एक मतदाता दो अलग-अलग मतदान केंद्रों पर पंजीकृत था और उसने दोनों स्थानों पर मतदान किया.

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कांग्रेस नेता ने मतदाता सूची के कुछ हिस्सों की स्लाइड्स प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाया कि एक ही मतदाता का कई बार पंजीकरण किया गया है और पते गलत हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक कमरे के मकान में 80 लोगों का पंजीकरण हुआ है, जबकि महादेवपुरा के मतदाता अन्य राज्यों में भी पंजीकृत पाए गए हैं.

कांग्रेस ने शुक्रवार, 8 अगस्त, 2025 को बेंगलुरु में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. कुछ लोगों ने सुबह के समय मतदाता सूची डाउनलोड करने के लिंक तक पहुंचने में कठिनाई का सामना किया, जिसके बाद राहुल गांधी के आरोपों के संदर्भ में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया. हालांकि, चुनाव आयोग के सूत्रों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.

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चुनाव आयोग का बयान

चुनाव आयोग के सूत्रों ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में एक विशेष परिवार के सदस्यों की तस्वीर साझा की, जिनके हाथ में मतदाता पहचान पत्र थे. इस परिवार को राहुल की फ़र्ज़ी मतदाताओं की सूची में शामिल किया गया था, क्योंकि इसके सदस्यों की तस्वीरें उनकी पार्टी को प्रदान की गई मतदाता सूची में नहीं थीं.

एक्स पर एक पोस्ट में आयोग ने राहुल गांधी को चुनौती दी है कि वे हर फ़र्ज़ी मतदाता के लिए शपथ लेकर और मतदाता पंजीकरण नियमों के तहत शिकायत दर्ज कराएं, अन्यथा उन्हें देश से माफ़ी मांगनी होगी. कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी कांग्रेस से इस विवाद के संदर्भ में अपने ज्ञापन के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है.