हिमालय की शांत वादियों में रविवार को रुद्र का नाम गूंज उठा. पंच केदार में से चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ के कपाट रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और पूर्ण विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं. देश–विदेश से देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार भी निरंतर कार्य कर रही है.

बता दें कि बीते शुक्रवार को भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली अपने भक्तों के सैलाब के साथ शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रवाना हुई थी. पुंगी बुग्याल में डोली का रात्रि प्रवास हुआ था. जिसके बाद आज ब्रह्ममुहुर्त में रुद्रनाथ मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए. कपाट कार्तिक माह तक श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुले रहेंगे.