पंजाब सरकार ने इस बार के बजट में डोरस्टेप डिलीवरी फीस 120 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दी गई है। इसका ऐलान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बीते दिन बजट पेश करते हुए किया। आज कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि ये सुविधाएं पंजाब के कोने-कोने तक पहुंच रही हैं। यदि किसी व्यक्ति को कॉल करने पर सेवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं, तो यह मामला निश्चित रूप से उनके ध्यान में लाया जाना चाहिए।

दरअसल, आज दसूहा विधानसभा क्षेत्र से विधायक करमबीर सिंह घुम्मण ने विधानसभा क्षेत्र में बंद पड़े सेवा केंद्रों और डोर स्टेप डिलीवरी योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि कंडी इलाके में 104 गांव हैं। इसके साथ लगते शहर तलवाड़ा में केवल 2 सेवा केन्द्र चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि दतारपुर में पड़ते 2 सेवा केंद्र तथा अमलोह में एक सेवा केंद्र पिछले कुछ समय से बंद है। उन्होंने मांग की कि इन बंद सेवा केंद्रों को संचालित किया जाए ताकि लोगों को अपने काम के लिए दूर न जाना पड़े। इसके साथ ही विधायक घुम्मन ने यह भी कहा कि नेटवर्क के कारण डोर स्टेप सेवा वहां तक ​​नहीं पहुंच पाती।

इस सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि लोगों की आमद की समीक्षा करने के बाद इन सेवा केंद्रों को खोलने का फैसला जरूर लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी पंजाब के हर कोने तक उपलब्ध है, चाहे वह क्षेत्र कितना भी दूर क्यों न हो।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमारी सरकार ने इसके लिए फीस भी 120 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दी है। उन्होंने कहा कि यदि बुलाने पर कोई ‘सेवा सहायक’ न आए तो हमें जरूर बताएं। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने भी पिछले दिनों कहा था कि सरकारी सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी कोई विशेष सुविधा नहीं है, यह हर किसी का अधिकार है।