दिल्ली. दहेज प्रथा को खत्म करने की बात तो आपने सुनी होगी पर क्या आपने दहेज से होने वाले फायदें के बारे में सुना है. जी हां हम बात कर रहे हैं ऐसे किताब की जिसे बीएससी सेकेंड ईयर के बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे ही किताब के एक पन्ने की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें दहेज के फायदें के बारे में छापा गया है.

जानिए क्या है पूरा मामला

टीके इंद्राणी द्वारा लिखी गई सोशलॉजी फॉर नर्सेज नर्सिंग के पाठ्यक्रम (Nursing Council Syllabus) की एक किताब में दहेज के फायदे के बारे में बात करते हुए लिखा गया है कि दहेज के कारण कुछ बदसूरत लड़कियों की भी शादी हो जाती है. इसका फायदे को बताते हुए लिखा है कि दहेज नए घर को खड़ा करने में मदद करता है. दहेज में जो मान्यताएं है उनके अनुसार पिता अपनी बेटी को शादी के साथ ही उसे घर में इस्तेमाल होने वाला सामान, बेड, चेयर, गद्दे, टेलीविजन, पंखे, फ्रिज, बर्तन, कपड़े और गाड़ियां तक देते हैं. यह देश के अधिकांश हिस्सों का रिवाज है. इससे नए घर को बसाने में मदद मिलती है. किताब में बताया गया है कि दहेज के रूप में बेटी अपने पिता के हिस्से में से अपनी हिस्सेदारी लेती है. दहेज के कारण आज लड़कियों में शिक्षा भी बढ़ रही है, क्योंकि ज्यादा दहेज न देना पड़े इसलिए कई माता-पिता अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा देते हैं. यह अप्रत्यक्ष फायदा है, क्योंकि अगर बेटी ज्यादा पढ़ी लिखी होती है या नौकरीपेशा होती है तो माता-पिता को कम दहेज देना पड़ता है. ऐसी लड़कियों से शादी करने के लिए अधिकांश लोग तैयार रहते हैं.

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इस किताब को बैन करने की मांग

वहीं, इस किताब को लेकर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है. इसके साथ ही इसे शर्मनाक बताते हुए देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबोधित कर लिखा कि ऐसी किताबों को प्रचलन से हटाने के लिए अनुरोध करती हूं. लोग भी इस किताब पर भड़के हुए है.

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बता दें कि देश में आज भी दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई के रूप में व्याप्त है. हालांकि इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन अधिकतर लोगों की सोच अभी भी दहेज के चंगुल में फंसी है.