रायपुर. श्री बालाजी हॉस्पिटल में एक जुलाई डाक्टर्स-डे का आयोजन कर सेलिब्रेट किया गया.  इस अवसर पर श्री बालीजी मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के चेयरमैन डॉक्टर देवेंद्र नायक ने दीप प्रज्जज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. नायक ने पीड़ित मानवता की सेवा में समर्पित डाक्टरों के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है.

 ये दिन डॉक्टर्स के सम्मान और काम के लिए कृतज्ञता दिखाने का दिन है. डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है.  डॉक्टर लोगों को जीवनदान देते हैं. ऐसे में लोग डॉक्टर्स को धरती पर इंसान के रूप में पूजते हैं. उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं. कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जिस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाई और लाखों लोगों की जान बचाई है वो सच में एक महान काम है. इतिहास में भी ऐसे कई डॉक्टर्स हुए हैं जिन्हें इस दिन याद किया जाता है.

 केंद्र सरकार ने साल 1991 में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाने की शुरुआत की थी. इस दिन  एक महान चिकित्सक की पुण्यतिथि भी होती है. उन्हीं को याद करते हुए और डॉक्टर्स के लिए कृतज्ञता दिखाते हुए ये खास दिन मनाया जाता है. दरअसल 1 जुलाई के दिन भारत के महान डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्म हुआ था. उनकी याद में इस दिन को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. डॉ. बिधानचंद्र रॉय एक महान डॉक्टर थे. वो पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे. डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय ने महात्मा गांधी के कहने पर राजनीति में कदम रखा था. वो एक महान समाजसेवी, आंदोलनकारी और अच्छे राजनेता भी थे. आजादी के दौरान असहयोग आंदोलन में उन्होंने हिस्सा लिया. कुछ लोग उन्हें महात्मा गांधी और चाचा नेहरू के डॉक्टर के रूप में जानते थे.

  श्री बालाजी हास्पिटल के 180 डाक्टरों की टीम ने डाक्टर्स डे को सेलिब्रेट किया. जिसमें चेयरमैन डॉ. देवेंद्र नायक, डायरेक्टर श्रीमती नीता नायक, डायरेक्टर नितिन पटेल, डॉ. विरेंद्र पटेल, सीईओ हिमांशु साहू, डीन मानिक चटर्जी, भोजराम पटेल, डॉ. दीपक जायसवाल, डॉ. राम आदि स्टाफ और डाक्टर्स उपस्थित थे.