लिवर की सबसे अच्छी बात ये होती है कि ये अपनी डैमेज हुई कोशिकाओं को अपने आप रिप्लेस कर देता है. हालांकि एक स्टेज पर जाने के बाद लिवर की अपने आप रिपेयर होने की क्षमता समाप्त होने लगती है. खासतौर से जब हम इसे डैमेज करने की आदतों को लगातार जारी रखते हैं. लिवर की हेल्थ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को ‘वर्ल्ड लिवर-डे’ सेलिब्रेट किया जाता है. लिवर की सेहत क्यों बिगड़ रही है इसके बारे में डॉ देवेंद्र नायक ने लल्लूराम डॉट कॉम से विस्तृत चर्चा की.
रायपुर. फास्ट-फूड और कोल्ड ड्रिंक लिवर (जिगर) को बीमार कर रहा है. मैदा, तली-भुनी वस्तुएं और डिब्बा बंद खाने पीने की चीजों से पाचन क्षमता कमजोर हो रही है. लिवर संक्रमण की चपेट में आ रहा है. लोग फैटी लिवर के शिकार हो रहे. हैरानी की बात यह है कि युवा भी लिवर की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के चेयरमेन और गेस्ट्रो एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ देवेंद्र नायक ने बताया कि फास्ट फूड में मैदा और अधिक नमक होता है. फाइबर की कमी होती है. जो कि आसानी से नहीं पचता है. लंबे समय तक ऐसा भोजन करने से लिवर व शरीर के दूसरे अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. फैटी लिवर की वजह बनता है. उन्होंने बताया कि अभी तक माना जाता था कि फैटी लिवर सिर्फ मोटे लोगों का होता है. अब दुबले-पतले लोगों का लिवर भी फैटी हो रहा है. इसकी बड़ी वजह अनियमित खान-पान है.
लिवर की बीमारी के लक्षण
जी मतली, उल्टी, वजन घटना, पेट में दर्द और सूजन, सफेद मल, मानसिक भ्रम, आंखों का पीलापन, पैर में सूजन, त्वचा में खुजली, असामान्य मल व मूत्र ,निरंतर थकान, भूख में कमी
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