रायपुर। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का बूढ़ातालाब धरना स्थल पर अनिश्चितक़ालीन आंदोलन पर बैठे है. आंदोलन को समर्थन देने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय पहुंचे. रमन सिंह ने कहा कि धान ख़रीदी में देरी की वजह से सुखत आई और अतिरिक्त खर्च की राशि समिति को मार्कफ़ेड के द्वारा वापस दे. सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन और शासकीय कर्मचारियों की तरह नियमित वेतनमान दिए जाने समेत पांच सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का अनिश्चितक़ालीन हड़ताल पर है. 2058 सोसायटी में काम ठप्प है. यही लोग धान ख़रीदी की व्यवस्था करते हैं. यही धान की सुरक्षा करते हैं. आज सोसायटी ख़ाली पड़ी है. इनकी मांगें जायज़ हैं. सूखत का दोषी आख़िर ये कर्मचारी कैसे हो सकते हैं. सरकार ना वक़्त पर धान का उठाव कर पाई और ना ही वक़्त पर मिलिंग करवा सकी. धान की ख़रीदी सोसायटियों में होती है. जैसे ही सोसायटी में बफ़र स्टाक फ़ुल हो जाता है, उसे संग्रहण केंद्रों में डाला जाता है. संग्रहण केंद्र से धान मिल को देते हैं.

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भ्रष्टाचार की वजह से, कमीशन नहीं मिलने की वजह से धान संग्रहण केंद्रों में सड़ता रहता है. जबकि 31 मार्च तक धान खपा लिया जाना था. धान में सुखत बढ़ी, वक़्त पर उठाव नहीं हुआ, धान सड़ गया. इसके लिए दोषी सरकार है. समिति कर्मचारी नहीं है. घाटे की पूर्ति समिति कर्मचारियों के कमीशन से काटा जाना जायज़ नहीं है. टी एस सिंहदेव की कमेटी ने वेतन विसंगति को दूर करने 58 करोड़ रुपए दिए जाने की सिफ़ारिश की थी. वह भी नहीं दी गई. आज पूरे छत्तीसगढ़ में धान ख़रीदी का सिस्टम कोलेप्स हो गया है. एक लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा धान की ख़रीदी राज्य में करनी है और सरकार को अब चेत जाना चाहिए.

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