प्रदीप गुप्ता, भोरमदेव (कवर्धा)- भोले की कृपा हो तो छोटे से नगर पालिका का पार्षद भी मुख्यमंत्री बन सकता है. भोले की कृपा हो तो एक डॉक्टर को लोग तीन-तीन बार लगातर सत्ता दिला सकते हैं. भोले की कृपा हो तो डॉक्टरी भी चलेगी और राजनीति भी. भोले की कृपा हो तो कवर्धा जैसी जगह से निकालकर जनता दिल्ली की केन्द्रीय सत्ता में ले जाके बैठा देती है. भोले की कृपा हो तो ठाठापुर के डॉक्टर बाबू को जनता चाउंर वाले बाबा भी बना देती हैं. भोले की कृपा हो तो सबकुछ हो सकता है. जैसे मेरे साथ हुआ है वैसे आप सबके साथ भी हो सकता है. तभी तो मैं हर साल सावन के पहले सोमवार को अपने गृह जिले के भोरमदेव मंदिर में भोलनाथ के दर्शन के लिए सपरिवार आता हूँ.
ये कहना है भोले की तरह भोले स्वभाव के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का. सीएम साहब सोमवार को पूरे परिवार के साथ भोरमदेव मंदिर पहुँचें. मंदिर में उन्होंने गर्भ गृह के भीतर बैंठकर शिव जी का अभिषेक किया. पूजा-अर्चन के बाद जब मुख्यमंत्री गर्भ-गृह से बाहर निकले तो उनके चेहरे में एक आत्मीय सुकून भाव था.
मंदिर परिसर में पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी हर तरक्की में भगवान भोलेनाथ की कृपा रही हैं. सावन महीने में वे बचपन से ही भोरमदेव मंदिर दर्शन को आते रहे हैं. आज मैं जो कुछ हूँ और मेरे परिवार के पास जो कुछ है सब भोरमदेव मंदिर के महादेव की कृपा है.