अजय शास्त्री, बेगूसराय। नीट परीक्षा घोटाले में गिरफ्तार डॉक्टर रंजीत एक साल से बेगूसराय मंडल कारा में कॉन्ट्रेक्ट पर चिकित्सक के रूप में सेवा दे रहा था। वह रोजाना समस्तीपुर से बेगूसराय आता-जाता था। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार उसे करीब एक साल पहले कॉन्ट्रेक्ट पर जेल डॉक्टर के रूप में बहाल किया गया था।
जेल तक सीमित था डॉक्टर रंजीत
जानकारी के अनुसार बेगूसराय में डॉक्टर रंजीत सिर्फ जेल तक ही सीमित था। मेडिकल सेक्टर में उसकी कोई अन्य भूमिका नहीं थी। डॉ रंजीत की गिरफ्तारी की खबर समस्तीपुर से निकलकर बेगूसराय में जंगल में आग की तरह फैल गई। मंडल कारा के सुरक्षाकर्मी भी इस खबर से हैरान हैं। गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर रंजीत की खबर बेगूसराय के कई व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हो गई। मेडिकल जगत में भी इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
मेडिकल सेक्टर से उसका कोई लेना देना नहीं
बेगूसराय के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, रंजीत काफी जूनियर था। उन्होंने यह भी कहा कि रंजीत का बेगूसराय के मेडिकल सेक्टर से कोई लेना-देना नहीं था। कोचिंग संचालक से उसके तार जुड़े होने की बात से भी उन्होंने इंकार किया। डॉ रंजीत हाल ही में मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर चिकित्सा सेवा में आया था। इसी कारण उसका नीट परीक्षा से जुड़ाव बना रहा। बता दें कि समस्तीपुर पुलिस ने आज 5 मई को NEET 2025 परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले जालसाज गिरोह के 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाम डा. रंजीत का भी है।
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