सत्या राजपूत, रायपुर। डॉ. रेशम सिंह पीजी छात्र जनरल सर्जरी विभाग को सर्वसम्मति से जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) रायपुर का नया अध्यक्ष चुना गया है। उनके नेतृत्व में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें उपाध्यक्ष पद पर डॉ. राजेन्द्र झरिया, डॉ. शिल्पा, डॉ. संजू और डॉ. वीरेंद्र वारते को चुना गया है। वहीं डॉ. स्वास्तिक भट्टाचार्य को सचिव और डॉ. अमित बंजारा को सह-सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डॉ. रेशम सिंह NGO “SANKALAP – A Mission” के संस्थापक एवं सलाहकार मंडल के सदस्य हैं। उनके नेतृत्व में अब तक हजारों निःशुल्क मेडिकल कैंप, रक्तदान शिविर तथा NEET-UG जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु शैक्षिक सहायता कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किए गए हैं।

मेडिकल समुदाय में डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व में अनेक परिवर्तन हुए हैं, इनमें प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

अंडरग्रेजुएट एवं पोस्टग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित कर भ्रष्टाचार का समापन

200-पॉइंट रोस्टर नीति को प्रभावी रूप से लागू कराना

विषयों के आवंटन की प्रणाली में सुधार करते हुए लकी ड्रा की जगह व्यवस्थित रोस्टर प्रणाली लागू कराना

इन सुधारों के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य की मेडिकल काउंसलिंग अब पूर्णतः पारदर्शी एवं निष्पक्ष हो चुकी है। समस्त जूनियर डॉक्टरों को डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व से व्यापक अपेक्षाएँ हैं और उनके अध्यक्ष चुने जाने से चिकित्सकीय समुदाय में उत्साह का वातावरण है।

डीन प्रोफेसर डॉ. विवेक चौधरी एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष सोनकर ने डॉ. रेशम सिंह को शुभकामनाएं देते हुए आश्वस्त किया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में कार्यरत जूनियर डॉक्टरों — जो मरीजों की सेवा में प्रथम पंक्ति में खड़े रहते हैं — उनके लिए समुचित सुरक्षा, भयमुक्त कार्य वातावरण और संतुलित ड्यूटी शेड्यूल सुनिश्चित किया जाएगा।

यह प्रयास न केवल डॉक्टरों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि आम जनता को बेहतर एवं सुलभ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।

साथ ही छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन (CGDF) के अध्यक्ष डॉ. हीरा सिंह लोधी ने पत्र जारी कर डॉ. रेशम सिंह को बधाई दी और उत्साहपूर्वक कहा कि “उगते हुए सूरज को कोई रोक नहीं सकता।” उन्होंने विश्वास जताया कि अब समस्त चिकित्सक मिलकर चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्थाओं को दूर करेंगे और आम जनमानस के हित में चिकित्सा सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लाएंगे।