रायपुर। शंकर नगर निवासी और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. सुगन चंद छाजेड़ ने अपना संपूर्ण जीवन चिकित्सा सेवा को समर्पित किया और मृत्यु के बाद भी मानवता की मिसाल कायम की. उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने उनका देहदान पं. जे.एन.एम. मेडिकल कॉलेज रायपुर को किया, ताकि पार्थिव शरीर का उपयोग चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में किया जा सके.

जीवनकाल में डॉ. छाजेड़ ने शरीर के महत्व और चिकित्सा शिक्षा में उसकी आवश्यकता को भली-भांति समझा था. इसी कारण उन्होंने मृत्यु के बाद भी भावी चिकित्सकों के प्रशिक्षण और शोध में योगदान देने का निर्णय लिया था. पंडित नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर रचना विज्ञान विभाग ने उनके इस अमूल्य योगदान के लिए परिवार को देहदान प्रमाण पत्र प्रदान किया. 

डॉ. सुगन चंद छाजेड़ का कदम न केवल भावी चिकित्सकों के लिए प्रेरणा है, बल्कि समाज में देहदान के महत्व को भी नई दिशा देता है.