महाकुंभ नगर. सोमवार को आयोजित धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव रखा गया. जिसमें सनातन बोर्ड का प्रारूप प्रस्तुत किया गया. इस पर धर्माचार्यों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है. इस प्रस्ताव में संरक्षक मंडल, अध्यक्ष, सदस्य से लेकर तमाम पदाधिकारीगण शामिल हैं. वहीं संतों की मांग है कि सनातन बोर्ड सरकारी ना हो, बल्कि ये धर्माचार्यों के हाथों में हो.

सनातन बोर्ड के प्रारूप में जिस राष्ट्रीय समिति का उल्लेख किया गया है उसमें संरक्षक मंडल, केंद्रीय अध्यक्ष मंडल, सहयोगी मंडल, सलाहकार मंडल शामिल है. जिसमें सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य के संरक्षण में बोर्ड के गठन का प्रारूप तैयार किया गया है.

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वहीं केंद्रीय अध्यक्ष मंडल में 11 सदस्य होंगे. जिसमें चारों संप्रदाय के प्रमुख (4 सदस्य), अखाड़ा प्रमुख (3 सदस्य), संरक्षक मंडल द्वारा नामित व्यक्ति (1 सदस्य), प्रमुख संत और धर्माचार्य (3 सदस्य) होंगे. इसके अलावा सहयोगी मंडल में 11 सदस्य, सलाहकार मंडल में 11 सदस्य होंगे.

सनातन बोर्ड समिति (राज्य स्तर)

राज्य स्तरीय समिति में मंदिर निधि और संपत्ति समिति, प्रबंधन समिति समेत बोर्ड पदाधिकारियों की भूमिकाएं और पुजारियों की नियुक्ति के लिए भी समिति होंगी. साथ ही मंदिर संपत्ति संरक्षण समिति, सनातन बोर्ड न्यायाधिकरण समिति, सुरक्षा उपाय एवं पारदर्शिता समिति, मंदिर प्रवेश एवं प्रसाद वितरण समिति, कानूनों की समिति भी शामिल है.

गरीब सनातनी परिवारों की आर्थिक सहायता का प्रस्ताव

इस प्रारूप में मठ-मंदिरों को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त कराने, मठ-मंदिरों में गौशाला और गुरुकुल की स्थापना, मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति, गरीब सनातनी परिवारों को आर्थिक सहायता, लव जिहाद और धर्मांतरण रोकने के लिए प्रयास जैसी बातें शामिल हैं.