नई दिल्ली। Raksha Kavach: भारतीय जवानों (indian soldiers) के लिए नया रक्षा कवच (बुलेट प्रूफ जैकेट-bullet proof jacket) आ गया है। इसकी खूबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सका है कि टेस्ट के दौरान स्नाइपर की 6 गोलियां भी इसे नहीं भेद सकी। इस बुलेट प्रूफ जैकेट रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense Research and Development Organization-DRDO) ने तैयार किया है। इसे देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय (
Ministry of Defence) ने मंगलवार को इसकी जानकारी शेयर की। रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष ने हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार करने पर DMSRDE को बधाई दी है।
DRDO के मुताबिक पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से तैयार की गई जैकेट को 6 स्नाइपर गोलियां भी भेद नहीं सकीं। जैकेट को कानपुर में मौजूद DRDO के रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE) ने तैयार किया है। जैकेट की TBRL चंडीगढ़ में BIS 17051-2018 के तहत टेस्टिंग की गई। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि ICW हार्ड आर्मर पैनल (HAP) की एरियल डेंसिटी 40 kg/M2 और स्टैंडअलोन HAP की एरियल डेंसिटी 43kg/M2 से कम है।
वहीं देश की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अद्भुत करार दिया है। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हम युद्ध में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे। राष्ट्र की सुरक्षा को न तो आउट सोर्स किया जा सकता है और न ही दूसरों की उदारता पर निर्भर किया जा सकता है।
पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट बना है HAP
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एर्गोनॉमिक तरीके से डिजाइन किया गया फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) पॉलिमर बैकिंग और मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। ऑपरेशन के दौरान पहनने सैनिकों के लिए पहले से ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित रहेगा।
बड़ी सफलता
DRDO द्वारा बनाई गई हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट को बड़ी सफलता बताया जा रहा है। दरअसल, मैजूदा समय में जवान जिस बुलेट प्रूफ जैकेट का इस्तेमाल करते हैं, उसका वजन ज्यादा है। इससे जवानों को क्रिटिकल ऑपरेशन के दौरान भी अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता है। अब उन्हें इससे राहत मिल सकती है. रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष ने हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार करने पर DMSRDE को बधाई दी है।
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