राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में जल्द ही यूनिफॉर्म लागू की जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शुरुआत में सरकारी उत्कृष्ट कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू की जाएगी। बाद में इसे राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समानता की भावना के लिए ड्रेस कोड को लागू किया जा रहा है। इसके लिए छात्र संगठनों और विशेषज्ञों से इसके लिए सुझाव भी लिए जा रहे है। वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आपत्ति जताई है।  

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मंत्री परमार ने कहा कि जब हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई थी, तो मध्य प्रदेश इसे अपनाने वाले अग्रणी राज्यों में से एक था। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में, हमने राज्य के सभी 55 जिलों में उत्कृष्ट महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। हमारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को इंदौर से इन कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। नतीजतन, यूनिफॉर्म लागू करने के लिए विभाग में एक प्रक्रिया चल रही है। हमारा लक्ष्य आम सहमति बनाकर जल्द ही यूनिफॉर्म पेश करना है। शुरू में हम इन 55 उत्कृष्ट कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू करेंगे, लेकिन बाद में हम धीरे-धीरे इस नीति का विस्तार करेंगे और शेष कॉलेजों में भी आम सहमति बना लेंगे। मंत्री ने कहा कि वे समाज के किसी भी वर्ग की आपत्ति के बिना आदर्श ड्रेस कोड लागू करने के लिए सभी कारकों पर विचार करेंगे।

कांग्रेस विधायक ने फैसले पर जताई आपत्ति 

कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करने के उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि संविधान हमें अपने हिसाब से ड्रेस पहनने की आजादी देता है। इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान बदलने गए थे तो इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में मिल गया। ड्रेस पर हिजाब लड़कियां पहनेगी तो इसमें आपत्ति वाली कौन सी बात है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का ऑप्शन होना चाहिए। जिसे पहनना है वो पहने जिसे नहीं पहनना वो मत पहने।   

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