Lalluram Desk. फ्रिज तो बीते कुछ दशकों पहले ही इंट्रोड्यूश हुआ है, लेकिन गर्मी तो सदा से पड़ती आ रही है. ऐसे में इंसान ने मिट्टी से मटके को इजात किया. मटका पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखता है, साथ ही मटके का पानी तमाम इलेक्ट्रानिक डिवाइज की तुलना में शरीर के लिए बहुत फायदेमंद रहता है.

भले ही फ्रिज घर-घर में हो, लेकिन आज भी मटके का क्रेज कम नहीं हुआ है. हर घर में मटका मिल ही जाएगा. मटके में भी समय के साथ कई प्रयोग किए गए. आजकल तो इसमें नल लगकर भी आ रहा है, ताकि पानी को निकालना आसान हो. आईए जानते हैं मटके के महत्व को समझते हैं.

मिट्टी के बर्तन में रखा पानी ज्यादा सुरक्षित

मिट्टी के बर्तन में पानी को रखना, प्लास्टिक की बोतल में पानी रखने की तुलना में ज्यादा सुरक्षित रहता है.​ मिट्टी का मटका, पकने के बाद सभी प्रकार के जीवाणुओं से मुक्त हो जाता है. जबकि प्लास्टिक में टॉक्सिन्स होता है, जिससे नुकसान होता है.

कैसे ठंडा होता है मटके का पानी

मिट्टी के बर्तन में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं. जब पानी रिसकर मटके की बाहरी सतह पर आता है, तो वह वाष्पित होता है. इसे ऊष्मा-शोषी प्रक्रिया कहा जाता है. यानी पानी वाष्प बनता है, तो वह आपने आस-पास की चीजों से गर्मी लेने लगता है. ऐसा करने के लिए बर्तन, उसके अंदर मौजूद पानी से गर्मी लेता है और फिर अंदर का पानी धीरे-धीरे ठंडा होता है. इसके पीछे यही साइंस​ छिपा हुआ है. जिसे सदियों पहले हमारे पुर्वजों ने पहचाना.

मटके का पानी क्यों है फायदेमंद

मिट्टी के बर्तन में मौजूद मैग्नीशियम-कैल्शियम मिनरल्स पानी में घूलते हैं. इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहता है. पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होने की वजह से गले को नुकसान नहीं पहुंचाता. शरीर का तापमान भी मैंटेन रहता है. बस ध्यान रखें कि मटके की नियमित सफाई करें.

पानी के अंतर को भी समझिए

जानकारों के मुताबिक फ्रिज का पानी तेजी से ठंडा होता है. इससे गले में सूजन, कोल्ड या थ्रोट ​इंफेक्शन की संभावना सर्वाधित होती है. इसकी तुलना में मटके का पानी 20-25 प्रतिशत तक ही ठंडा होता है. जो शरीर के तापमान के बराबर ही होता है. फ्रिज का पानी पाचन की प्रक्रिया को धीमा करता है. जबकि मटके का पानी प्रक्रिया सामान्य रखता है.इससे पाचन प्रक्रिया भी दुरुस्त रहती है. यह पानी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है. यह पानी शरीर को डिटॉक्स करता है. हीट स्ट्रोक से बचाता है.