वाहनों को सड़क पर चलाने के लिए जिन आवश्यक और वैध दस्तावेजों को साथ रखने जरूरत पड़ती है, उनमें वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानी PUC सर्टिफिकेट भी शामिल है. दूसरी तरफ PUC सर्टिफिकेट बनवाना बहुत जल्द महंगा होने वाला है. 1 जुलाई से दिल्ली में पेट्रोल पंप मालिकों ने अपने पंपों पर PUC जांच नहीं करने की घोषणा की थी. लंबे समय से वे PUC जांच की शुल्कों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे.

सरकार इस पर कोई सुध नहीं ले रही थी. पेट्रोल पंप मालिकों की घोषणा के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है. दिल्ली सरकार ने PUC जांच शुल्कों में बढ़ोतरी की मांग पर पेट्रोल पंप मालिकों को विचार करने का आश्वासन दिया है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और PUC जांच दर बढ़ाने की उनकी मांगों को सुना. आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी. जल्दी ही PUC जांच की शुल्क बढ़ सकती है.

13 सालों में PUC शुल्क में नहीं हुआ बदलाव

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंहानिया ने कहा कि PUC सेंटर चलाना बहुत महंगा साबित हो रहा है, पिछले 13 सालों में पीयूसी जांच के शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस बीच महंगाई दर में 65 % की बढ़ोतरी हुई है. अभी दुपहिया की प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपए है, जबकि पेट्रोल कारों के दाम 80 रुपए और डीजल गाड़ियों के दाम 100 रुपए है. इस पर 18 % GST अलग से लगती है.

‘PUC जांच शुल्क बढ़ाना अनुचित नहीं’

दिल्ली टैक्सी और टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा द्वारा PUC जांच का शुल्क बढ़ाकर पुराने गाड़ियों पर बोझ डाल रहे हैं, क्योंकि अब राजधानी दिल्ली में अधिकतर CNG, ELECTRIC गाड़ियों के साथ HYBRID कार ही नजर आ रही है. फिर पॉल्यूशन करवाने की जरूरत जीरो हो जायेगी. सरकार द्वारा पहले ही डीजल गाड़ियों की उम्र 10 साल और पेट्रोल गाड़ियों की उम्र 15 साल कर रखी है. ऐसे में PUC जांच शुल्क बढ़ाकर आखिरकार सरकार सिर्फ और सिर्फ लोगों को परेशान करने की कोशिश कर रही है.

एसोसिएशन ने मांग की है कि पीयूसी सर्टिफिकेट की कीमत बढ़ाकर 150 रूपए, 200 रूपए और 300 रूपए किया जाए. उनका कहना है कि पीसयूसी जांच शुल्कों को नहीं बढ़ाया गया तो पीयूसीसी सेंटरों का संचालन मुश्किल हो जाएगा.