अमित पांडेय, लोकेशन-खैरागढ़. देशभर में सरकार नारी सशक्तिकरण और कृषि के आधुनिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी क्रम में कृषि प्रधान जिले खैरागढ़ जिले होने के चलते यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है. ऐसे में खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम मुकुंद खपरी की रहने वाली विहान समूह की सदस्य सावित्री साहू इस क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण को लेकर रोल मॉडल बन चुकी है.
ड्रोन दीदी सावित्री
सावित्री साहू को पूरे जिले में अब ड्रोन दीदी के नाम से जाना जाता है. वह जिले की एक मात्र ऐसी महिला है जो ड्रोन से आधुनिक खेती करती है. वह खेती में अपने परिवार का हाथ बटाने के साथ ही ड्रोन से उनका खेती का काम आसान हो गया है, ड्रोन से समय की बचत के साथ साथ ही पानी और दवाइयों की मात्रा भी कम लगती है साथ ही ड्रोन के आने से उन्हें ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता भी अब खेती में नही पड़ती. वहीं दूसरी ओर इस ड्रोन से अब सावित्री साहू रोजाना 2 से 3 हजार कमाती भी है. ऐसे में नारी सशक्तिकरण के लिए सरकार की यह एक सकारात्मक पहल है, जिससे सावित्री और उसके परिवार में काफी खुशी है.
पति का था सपना
सावित्री के पति प्रेम चंद साहू ने बताया कि उनका पिछले दो साल से यह सपना था की खेती के काम को आसान करने के लिए ड्रोन लेना है. लेकिन कीमत बहुत ज्यादा होने के कारण नही ले पा रहे थे. अब सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत ड्रोन खरीदने पर सब्सिडी भी मिली.
जिले की अन्य महिलाओं को भी मिलेगा योजना का लाभ
वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन भी अब ड्रोन दीदी सावित्री के काम और आर्थिक सुदृढता को देखते हुए आगामी दिनों में जिले में और भी लोगों को इस योजना का लाभ दिलाने की बात कर रहा है. एडीएम प्रेम कुमार पटेल ने कहा कि सावित्री साहू महिला समूह से जुड़ी हुई सक्रिय महिला है जिन्हें केंद्र सरकार की ड्रोन योजना के तहत पहले चरण में लाभ प्राप्त हुआ है. ड्रोन चलाने के लिए उन्हें पहले 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने बताया कि ड्रोन की मदद से एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव मात्र 10 मिनट में हो जाता है. जबकि इस काम को हाथ से करने में दो घंटे से ज्यादा का समय लगता है. उन्होंने कहा कि जिले के लिए गर्व की बात है की गांव की एक महिला आधुनिक तरीके से कृषि कर रही है जो उपकरण अभी बड़े बड़े किसानों के पास नही है, वो उन्हें मिला है.
एडीएम ने कहा कि जिला प्रशासन आने वाले दिनों में और भी जो महिला समूह की सदस्य हैं उन्हें इस योजना से लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. इससे कृषि के आधुनिकरण के साथ-साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी बल मिल सकेगा.
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