दिल्ली. यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक आईपीएस अधिकारी के आवास में पिछले दो सालों से इंटरनेशनल ड्रग रैकेट संचालित था. कुछ दिनों पहले ही इसका भंडाफोड़ हुआ. अधिकारी ने यह घर किराए पर दिया था.

दिल्ली के बाहरी इलाकों में ग्रेटर नोएडा में स्थित यह घर अवैध व्यापार का अड्डा था और इसका खुलासा 9 मई को तब हुआ, जब दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान ने दक्षिण अफ्रीका की एक महिला नोमसा के पास 24.7 किलोग्राम स्यूड्योफ्रेडीन (मादक पदार्थ) बरामद किया.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि स्यूड्योफ्रेडीन का उपयोग मेथाम्फेटामाइन बनाने में किया जाता है, जिसका यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में व्यापक उपयोग किया जाता है.

इस गिरोह को एक नाइजीरियाई व्यक्ति किंग्सले चला रहा था, जो पिछले साल नवंबर में भारत से चला गया था और यहां सरकारी एजेंसियों के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि वह यहां इस जगह को अपने अवैध व्यापार के लिए आसानी से उपयोग कर लेता था.

एनसीबी अधिकारी ने कहा कि यह घर एक आईपीएस अधिकारी का है, जिन्होंने इसे एजेंटों के माध्यम से किराए पर दिया हुआ था. उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि उनके घर का उपयोग मादक पदार्थो के व्यापार में किया जा रहा है. यह गिरोह दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्र के विभिन्न संगठनों को मादक पदार्थ मुहैया करता था. वे संगठन बाद में इसे दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में मादक पदार्थ का सेवन करने वालों को बेचते थे.

एनसीबी के उप महानिदेशक एस.के. झा ने कहा कि उनके विभाग को इस गिरोह के बारे में तभी पता चला, जब उसने दक्षिण अफ्रीकी महिला को सीआईएसएफ से अपने कब्जे में लिया. अधिकारी ने बताया कि छापामारी के दौरान एनसीबी टीम ने 1,818 किलोग्राम स्यूड्योफ्रेडीन, दो किलोग्राम कोकीन और 134 किलोग्राम नकली हेरोइन बरामद की.