देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने तरबूज की आड़ में गांजा की तस्करी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत तरबूज से लदे एक ट्रक से 348.176 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया है, जिसकी बाजार में कीमत करीब 1.75 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इन्तेजार मलिक (31) और रिजवान (32) के रूप में हुई है। इनमें से इन्तेजार मलिक इस तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
वह इससे पहले भी आंध्र प्रदेश में एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुका है। वहीं, रिजवान ट्रक चालक है जो कमीशन के आधार पर काम करता था और उस पर भी पहले से इसी तरह के मामले में वारंट जारी है। दोनों गाजियाबाद के लोनी के रहने वाले हैं।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि यह गांजा आंध्र प्रदेश से दिल्ली लाया जा रहा था और तरबूजों से लदे एक ट्रक के नीचे छिपाकर रखा गया था।
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21 मई की रात को गांजा ला रहे ट्रक को पकड़ा गया था
20 मई 2025 को ANTF को सूचना मिली कि एक ट्रक से भारी मात्रा में गांजा लेकर दिल्ली के सोनिया विहार से होकर गुजरने वाला है। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच की एक टीम गठित की गई और 21 मई की रात करीब 2 बजे ट्रक को पुस्टा रोड, सोनिया विहार में रोका गया।
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17 प्लास्टिक बैग में तरबूज के नीचे छिपाया गया था गांजा
पहले देखने में ट्रक में सिर्फ तरबूज लदे हुए प्रतीत हुए, जब ट्रक की तलाशी ली गई तो उसमें तरबूजों के नीचे छिपाकर रखे गए 17 प्लास्टिक बैग मिले। प्रत्येक बैग में हरे पत्ते जैसा पदार्थ था। हरे पत्ते के गांजा होने का संदेह हुआ, जिस पर जांच के लिए मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया गया। जांच में पुष्टि हुई कि वह पदार्थ गांजा ही है।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस की मानें तो मलिक पिछले चार से पांच सालों से आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से इसी तरह छिपाकर गांजा तस्करी कर रहा था।
रिजवान उसका विश्वसनीय ड्राइवर था, जो दिल्ली तक गांजे की खेप सुरक्षित पहुंचाने में मदद करता था। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, ताकि इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके और पूरे सप्लाई चैन को तोड़ा जा सके।
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