चंडीगढ़। पंजाब में ड्रग्स एक बहुत बड़ा मुद्दा है. अब एक स्टडी में इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल स्टडी से पता चला है कि पंजाब का हर सातवां व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है. 20 फरवरी को पंजाब की 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए और पूरे कैंपेनिंग में नशे का मुद्दा छाया रहा, हालांकि कोई भी सरकार रही हो, लेकिन राज्य में नशे पर लगाम नहीं लगा सकी है. चुनाव के दौरान बड़ी मात्रा में नशे के सामान बरामद होते रहे और इसकी तस्करी के लिए तो अब ड्रोन तक का सहारा लिया जा रहा है.

 

HIV जैसी गंभीर बीमारियों का बढ़ा खतरा

ड्रग्स के सेवन से राज्य में केवल नशा ही नहीं, बल्कि HIV जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ स्थित द पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) की स्टडी में खुलासा हुआ है कि पंजाब में हर 7वां व्यक्ति एक या अन्य तरह के ड्रग्स का सेवन कर रहा है. इस लिहाज से यह राज्य की आबादी का 15.4 फीसदी है. पीजीआई के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने यह स्टडी की थी. प्रोफेसर जेएस ठाकुर बताते हैं कि बीते 5 सालों में पंजाब में 30 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह के ड्रग्स का सेवन करते पाए गए हैं. राज्य में 20 लाख से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं. इसी तरह 15 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. जबकि, 17 लाख लोग नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि चिंता की बात ये है कि राज्य में HIV उच्च प्रसार (19.5 फीसदी) के साथ इंजेक्शन के जरिए ड्रग्स लेने वालों की संख्या काफी ज्यादा है.

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जानकारों का कहना है कि पंजाब में ड्रग्स पर लगाम लगाने के लिए एक ठोस रणनीति सरकारों के पास होनी चाहिए, नहीं तो कोई लाभ नहीं होगा. उनका कहना है कि नशे की आपूर्ति, मांग और नुकसान को कम करने के लिए काम करना बहुत जरूरी है.