चंद्रकांत/बक्सर: बिहार में वर्ष 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बावजूद सरकारी कर्मचारी ही इसका उल्लंघन करते दिखते हैं. ताजा मामला बक्सर जिले के नगर थाना क्षेत्र के सैनिक कॉलोनी का है. यहां शराब के नशे में धुत मनरेगा पीआरएस शिवजी यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शिवजी यादव, राजपुर प्रखंड के नागपुर पंचायत के पीआरएस हैं और अपने रसूख के चलते मुखिया प्रतिनिधि के तौर पर भी सक्रिय रहते हैं. गिरफ्तारी के वक्त उन्होंने नगर थाने के दारोगा को वर्दी उतरवाने की धमकी दी, लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए महज दो मिनट में उन्हें थाने ला दिया.
कई बड़े नेताओं की उड़ गई नींद
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवजी यादव सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई बड़े नेताओं के करीबी हैं. यही वजह है कि उनके कार्यक्षेत्र की कोई जांच नहीं होती. गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही कई बड़े नेताओं की नींद उड़ गई. सूत्रों के अनुसार पीआरएस को बचाने के लिए राजनीतिक दबाव बनाया गया, लेकिन नगर थाना पुलिस ने बिना झुके एफआईआर दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया. गिरफ्तार पीआरएस का चेहरा ढंकने की कोशिश, नीतीश कुमार से नजदीकी बताने जैसे कई नाटकीय प्रयास भी नाकाम रहे.
‘कानून सबके लिए समान है’
एसपी ने स्पष्ट कहा कि पुलिस किसी के दबाव में नहीं आती. कानून सबके लिए समान है. सहायक थाना प्रभारी ने बताया कि एनलाइजर मशीन से शराब पीने की पुष्टि हुई है. डीपीओ संदीप कुमार मौर्य ने बताया कि उन्हें इस गिरफ्तारी की जानकारी पत्रकारों से मिली और पुष्टि की कि शिवजी यादव मनरेगा के पीआरएस हैं. इस पूरे घटनाक्रम ने सत्ताधारी दल की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सत्ता पक्ष के संरक्षण में ही ऐसे कुकृत्य हो रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि सरकार न केवल इस शराबी पीआरएस को बर्खास्त करे, बल्कि उन सफेदपोशों के चेहरे भी उजागर करे, जो राजनीतिक प्रभाव दिखाकर कानून का मजाक उड़ाते हैं.
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